नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ‘‘अग्निवीर’’ उम्मीदवारों से जाति विवरण मांगे जाने संबंधी बयान को बुधवार को खारिज कर दिया।
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राजनाथ सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा था, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह एक अफवाह है। आजादी से पहले जो (भर्ती) व्यवस्था थी, वह अब भी जारी है और उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।’’
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सिंह के स्पष्टीकरण से असहमत दिखे कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सवाल यह नहीं है कि सेना में जाति-धर्म जानने की प्रथा की शुरुआत कब से हुई। सीधा सा सवाल तो यह है कि आखिर इसका औचित्य व प्रसांगिकता ही क्या? अगर अप्रासंगिक परंपरागत कानूनों को समाप्त किया जा सकता है तो परंपरा के नाम पर इसे बनाए रखने का कुतर्क क्यों।’’
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बिहार में ‘‘अग्निपथ’’ योजना को लेकर हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों ने केंद्र में सत्तासीन भाजपा और राज्य में उसकी सत्तारूढ़ सहयोगी जदयू के बीच दरार को उजागर कर दिया है।
प्रदर्शनों को लेकर रेलवे परिसरों से 2,600 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं :सरकार अग्निपथ योजना के खिलाफ रेलवे के परिसरों में प्रदर्शनों के मामलों में 2,642 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इन प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गयी तथा 35 घायल हो गए । रेल मंत्री ने बुधवार को लोकसभा को यह जानकारी दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि अनेक आंदोलनों की वजह से सार्वजनिक व्यवस्था बिगडऩे के कारण रेल सेवाओं के अवरुद्ध होने के बाद यात्रियों को की गयी शुल्क वापसी के संबंध में अलग से आंकड़े नहीं रखे जाते।
हालांकि उन्होंने कहा कि 14 जून से 22 जून तक ट्रेनें निरस्त होने की वजह से कुल 102.96 करोड़ रुपये किराये की वापसी की गयी। इसी अवधि में अग्निपथ योजना के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे। मंत्री ने कहा कि रेलवे को हड़तालों और आंदोलनों की वजह से 2019-20 में 151 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं 2020-21 में उसे 904 करोड़ रुपये और 2021-22 में 62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
वैष्णव के जवाब के अनुसार, ‘‘इस प्रदर्शन के दौरान मारे गये या घायल हुए यात्रियों और उनके परिवार वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।’’ रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में दर्ज मामलों की संख्या 2019 में 95, 2020 में 30 और 2021 में 34 रही। उन्होंने कहा कि मौजूदा वर्ष में कानून व्यवस्था की स्थिति की वजह से रेलवे की संपत्ति को सर्वाधिक नुकसान बिहार और तेलंगाना में पहुंचा।
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