नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने अकादमिक वर्ष 2019-20 के लिए प्रवेश प्रक्रिया की प्रमुख तारीखों की घोषणा बुधवार को की। जेएनयू में दाखिला लेने के लिए इच्छुक अभ्यर्थी शुक्रवार 15 मार्च से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जिसकी अंतिम तारीख 15 अप्रैल हैं।
ज्ञात हो कि जेएनयू में पहली बार कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। जोकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(एनटीए) द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित किया जाएगा। बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके प्रशासन प्रवेश से संबंधित जानकारी दी। विज्ञप्ति के अनुसार जेएनयू में प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन अभ्यर्थी को करना होगा।
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प्रशासन का कहना है कि एनटीए द्वारा ई-प्रोस्पेक्टस अपलोड किया जाएगा। इस शैक्षणिक सत्र में सभी पाठ्यक्रम के लिए 3 हजार 383 सीटें उपल्बध हैं, जिसमें 1043 एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए हैं। जेएनयू नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के साथ साझेदारी में कम्प्यूटर आधारित टेस्ट के प्रारूप में 2019 प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) सभी विषयों में बहुुविकल्पीय प्रशन (एमसीक्यों)आधारित होगा।
उन्होंने बताया कि जेएनयू प्रवेश परीक्षा का अयोजन भारत के 127 शहरों में आयोजित की जाएगी। जोकि पिछले वर्षों के तुलना में 2.5 बढ़ा हैं। प्रवेश परीक्षा का आयोजन 27 से 30 मई तक आयोजित होगा। प्रवेश परीक्षा के बारे में बताते हुए प्रशासन ने कहा कि प्रवेश परीक्षा का परिणाम 10 जून को आएगा। इसके साथ ही एमफिल-पीएचडी के लिए वाइवा वॉइस 26 जून से 3 जुलाई तक आयोजित होगा।
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प्रवेश परीक्षा का शुल्क दोगुने से अधिक बढ़ा जेएनयू प्रवेश परीक्षा की घोषणा होते ही जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी ने शुल्क को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। दरअसल, पिछले साल सामान्य वर्ग के लिए 530 रुपए प्रवेश शुल्क लिया गया था। वहीं इस बार प्रवेश परीक्षा का शुल्क 1200 रूपए बढ़ा दिया गया है।
वहीं ओबीसी वर्ग के आवेदकों के लिए 900 रुपए शुल्क है। जबकि, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति वर्ग के लिए प्रवेश परीक्षा का शुल्क 265 से बढ़ाकर 600 कर दिया गया है। इस मामले को लेकर एबीवीपी ने जेएनयू कुलपति को पत्र लिखा है।
एबीवीपी का कहना है कि जेएनयू में प्रवेश परीक्षा का शुल्क बहुत ज्यादा बढ़ा दिया गया है। जेएनयू में आदिवासी से लेकर सभी तबके के अभ्यर्थी दाखिले के लिए आवेदन करते है। ऐसे में अगर प्रवेश परीक्षा की शुल्क इतनी बढ़ा दी जाएगी, तो आदिवासी और हाशिए तबके के आवेदक आवेदन नहीं कर पाएंगे। हमारी यही मांग है कि पुराने प्रवेश शुल्क को जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
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बीए लेटरल एंट्री प्रोग्राम हुआ बंद : छात्र संघ जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए छात्र संघ का कहना है कि इस बार बीए लेटरल एंट्री पाठ्यक्रम को प्रशासन की तरफ से बंद कर दिया गया है। दरअसल, जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज में बीए लेटरल एंट्री प्रोग्राम को बंद कर दिया गया।
प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए छात्र संघ का कहना है कि इंटिग्रेटेड एमफिल-पीएचडी पाठ्यक्रम को प्रशासन की तरफ से गैर-कानूनी तरीके से खत्म कर दिया गया है। इसको लेकर हम कल प्रदर्शन करेंगे और प्रशासन से मांग करेंगे कि जेएनयू प्रवेश परीक्षा की पुरानी शुल्क को बहाल करे।
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