Tuesday, Oct 03, 2023
-->
jnu student protest feek hike parliament

दिल्ली पुलिस ने JNU छात्रों की HRD मंत्रालय से बात कराने का प्रस्ताव रखा

  • Updated on 11/18/2019

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। जवाहर लाल नेहरू विश्वद्यालय (JNU) के छात्र नए हॉस्टल मैनुअल और फीस बढ़ोतरी को लेकर संसद की ओर कूच कर रहे है। संसद तक मार्च करने पर आमदा छात्रों ने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे है। इस क्रम में उनकी पुलिस से झड़प भी हुई है। फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने मानव संसाधन मंत्रालय से बातचीत कराने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन अपनी मांगों पर अड़े छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं पुलिस ने कई छात्र- छात्राओं को गिरफ्तार भी किया है। 

पुलिस का कहना है कि इस मार्च के लिए छात्रों को पुलिस ने इजाजत नहीं दी है। छात्रों के मार्च के मद्देनजर विश्वविद्यालय परिसर में भारी पुलिस बल (Police Force) की तैनाती की गई है। छात्रों का कहना है कि हम पीसफुल मार्च कर रहे हैं। पुलिस हमें इसे करने से रोक रही है इसलिए हम पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ कर आगे बढ़ रहे हैं। 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि संसद के आस-पास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। छात्रों को किसी भी कीमत पर संसद तक जाने नहीं दिया जाएगा। छात्रों को जेएनयू कैंपस के पास ही रोक दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस की 9 कंपनी फोर्स जिसमें पैरामिलिट्री फोर्स भी शामिल है को कैंपस में तैनात किय गया है। 1200 पुलिसकर्मी इस समय जेएनयू कैंपस के बाहर तैनात हैं। पुलिस को आदेश है कि कैंपस के बाहर छात्रों को न निकलने दिया जाए। 

JNU: स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज

'रिसर्च में खर्च होने वाले 7298 करोड़ रुपये का नहीं हुआ उपयोग'

जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) का कहना है कि फरवरी 2019 की सीएजी रिपोर्ट के अनुसार सेकेंड्री और हायर एजुकेशन से 94,036 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल नहीं हुआ। सीएजी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि विकास कार्यों और रिसर्च में खर्च होने के लिए 7298 करोड़ रुपये का बजट था जो उपयोग नहीं किया गया। 

JNU में शांति बहाल करने के लिए VC ने शिक्षकों से मांगा सहयोग, लिखा पत्र

'पब्लिक फंडेड एजुकेशन के लिए कोई पैसा नहीं दिया'
वहीं पब्लिक फंडेड एजुकेशन के दरवाजे विदेशी और कॉर्पोरेट शिक्षा के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ने बंद कर दिए हैं। छात्रसंघ का प्रश्न है कि क्या यही कारण है कि 5.7 लाख करोड़ बैड लोन और 4 लाख करोड़ टैक्स रिबेट्स कॉर्पोरेट को दिए गए, लेकिन पब्लिक फंडेड एजुकेशन के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया। 

JNU के मुकाबले 20 गुना ज्यादा हॉस्टल फीस लेते हैं देश के अन्य कॉलेज, जानें फिर क्यूं मचा बवाल

सांसदों का मांगा साथ
छात्रसंघ का सांसदों से सवाल है कि क्या वो बढ़ी हुई फीस को वापस लेने में उनका साथ देंगे, और देश के छात्रों के लिए पब्लिक फंडेड एजुकेशन की मांग उठाएंगे? बता दें कि आज से संसद का शीत सत्र शुरू हो रहा है। यही कारण है कि छात्रों ने देश के नीति निर्माताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आज संसद मार्च करने का ऐलान किया है। 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

comments

.
.
.
.
.