Thursday, Jun 01, 2023
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jnu teachers union demands reinstatement of fellowship for minority students

JNU शिक्षक संघ ने की अल्पसंख्यक छात्रों के लिए फेलोशिप बहाल करने की मांग

  • Updated on 12/13/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप समाप्त करने के केंद्र के फैसले को मंगलवार को ‘‘अल्पसंख्यक विरोधी नीति'' बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।

उसने एक बयान में कहा, ‘‘जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) 10 दिसंबर 2022 को मीडिया में आयी उन खबरों पर गहरी निराशा व्यक्त करता है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मौलाना आजाद फेलोशिप (एमएएफ) वापस लेने का फैसला किया, जो छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों - मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, जैन, पारसी और सिख छात्रों को पीएचडी करने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में केंद्र द्वारा दी जाने वाली पांच साल की फेलोशिप है।''

लोकसभा में पिछले सप्ताह एक लिखित जवाब में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप समाप्त करने के फैसले की घोषणा की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जेएनयूटीए ने इस योजना को समाप्त करने को भारत में आवश्यक उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए अहम ‘‘समावेशिता तथा लोकतंत्र'' के मूल्यों पर हमला बताया।

गौरतलब है कि सोमवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों ने फेलोशिप समाप्त किए जाने के खिलाफ यहां शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया। केंद्र ने गत सप्ताह पहली से आठवीं कक्षा के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को भी समाप्त करने की घोषणा की थी। 

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