नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर शनिवार को पुलिस के साथ गलत बर्ताव के आरोप में एक फ्रीलांसर पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब इसको लेकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर पत्रकारों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। सभी गिरफ्तार पत्रकार की रिहाई की मांग कर रहे हैं। पत्रकारों का आरोप है कि पत्रकार मंदीप अपनी रिपोर्टिंग कर रहे थे। ऐसे में पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का कोई अधिकार नहीं हैं।
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पुलिस का आरोप है कि हिंसा के बाद बॉर्डर पर अवरोधक लगा दिए गए थे। पत्रकार समेत कुछ लोग अवरोधकों को हटाने की कोशिश कर रहे थे। पत्रकार ने पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यहार भी किया। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
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केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में मुख्य स्थलों में से एक, सिंघू बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के एक बड़े समूह के बीच शुक्रवार को झड़प हो गईं थी। हिंसा में दिल्ली पुलिस का एक एसएचओ (अलीपुर) घायल हो गया। घटना के बाद एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति सहित कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Journalists protesting against Delhi police and demanding that Mandeep Punia should be released. pic.twitter.com/j313mHSPPT— Sandeep Singh (@PunYaab) January 31, 2021
Journalists protesting against Delhi police and demanding that Mandeep Punia should be released. pic.twitter.com/j313mHSPPT
पत्रकार संगठनों ने भी की पुलिस कार्रवाई की निंदा
इस बीच पत्रकार संगठनों ने पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और हिंसा पर रिपोर्टिंग को लेकर छह वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप दर्ज किये जाने की मीडिया संस्थानों ने शनिवार को निंदा की और आरोप लगाया कि देश में ‘अघोषित आपातकाल’ जैसे हालात हैं। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन्स प्रेस कोर, दिल्ली पत्रकार संघ और भारतीय पत्रकार संघ समेत अनेक मीडिया संगठनों ने यहां विरोध स्वरूप बैठक की और पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किये जाने की निंदा की।
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पत्रकारों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाए: कांग्रेस उधर, कांग्रेस ने अपने सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने की आलोचना करते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र एवं राज्यों की भाजपा सरकार विरोध की हर आवाज को दबाने में लगी हुई हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि थरूर और पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द किए जाने चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई ङ्क्षहसा के सिलसिले में गलत खबर फैलाने के आरोप में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर व छह पत्रकारों समेत आठ लोगों के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है। सुरजेवाला ने एक बयान में दावा किया, ‘‘केंद्र तथा विभिन्न राज्यों में भाजपा की सरकारें विरोध की आवाज को बर्बर तरीके से और खुलकर दबा रही हैं। वे डराने और धमकाने काम कर रही हैं। कई वरिष्ठ पत्रकारों और एक कांग्रेस सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से स्पष्ट है कि भाजपा एवं उसके नेताओं द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।’’
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