नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को कवर कर रहे फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पुनिया (Mandeep Punia) को दिल्ली की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने पुनिया को शनिवार को सिंघू बॉर्डर से हिरासत में लिया था।
दरअसल शुक्रवार को किसान और गांव वालों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था एक पोर्टल का पत्रकार मनदीप पुनिया घुस आया और वीडियो शूट करने लगा। जब पत्रकार को रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस वालों के साथ बदतमीजी की, जिसके बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 186/353/332 के तहत एफ आई आर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सिंघू बॉर्डर से पत्रकार गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू
जिस इलाके में घुसने की थी मनाही वहां वीडियो शूट कर रहा था पत्रकार बता दें कि पुलिस ने सुबह ही एहतियातन उस एरिया में घुसने की मनाही की हुई थी। पकड़े जाने के वक्त पत्रकार प्रदर्शन स्थल पर जबरन घुसकर वीडियो रिकॉर्ड करने लगा था। तभी उसके साथी को भी पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस का कहना है कि शुक्रवार को किसानों और लोकल के बीच टकराव बनने से शनिवार सुबह से ही बिना आई कार्ड उस एरिया में किसी के भी घुसने से की मनाई की हुई थी।
पुनिया ने पुलिस से की हाथापाई मनदीप पुनिया शाम को 7:30 बजे अंदर आकर मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड करने पर पुलिस ने रोका और पूछताछ की तो उसने खुद को पत्रकार बताया। आई कार्ड मांगा, लेकिन उसके पास नहीं था। संदेह के आधार पर पूछताछ शुरू की तो जवानों से हाथापाई करने लगा। उसके बाद उसके सहयोगी की भूमिका की जांच हो रही है। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि लाल रंग की जैकेट पहने पुनिया को पुलिसकर्मी घसीट कर ले जा रहे हैं। जिसके बाद कई पत्रकारों और लोगों ने सोशल मीडिया पर इसका विरोध जताया है।
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पत्रकारों पर लग रहे देशद्रोह की मीडिया संस्थानों ने की निंदा वहीं दूसरी ओर गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और हिंसा पर रिपोर्टिंग को लेकर छह वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप दर्ज किये जाने की मीडिया संस्थानों ने निंदा की और आरोप लगाया कि देश में ‘अघोषित आपातकाल’ जैसे हालात हैं। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन्स प्रेस कोर, दिल्ली पत्रकार संघ और भारतीय पत्रकार संघ समेत अनेक मीडिया संगठनों ने यहां विरोध स्वरूप बैठक की और पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किये जाने की निंदा की।
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