Friday, Sep 22, 2023
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Justice Katju says public screaming but BJP Modi government is not listening blog Savarkar rkdsnt

जस्टिस काटजू बोले- जनता त्राहि-त्राहि चिल्ला रही है, मगर इस सरकार पर जूं नहीं रेंग रही

  • Updated on 5/28/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। देश के ज्वलंत मुद्दों पर वह अपनी राय सोशल मीडिया के जरिए रखते ही रहते हैं। कोरोना संकट को लेकर भी वह बराबर अपने जज्बातों को शेयर कर रहे हैं। 

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अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, 'सारे देश की हालत बंटाधार हो गई है सब तरफ अफरा तफरी मची हुई है लोग भूके मर रहे हैं सारी जनता त्राहि त्राहि चिल्ला रही है मगर इस सरकार पर जू नहीं रेंग रही है।' Hari Om

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इसके साथ ही जस्टिस काटजू ने आरएसएस के प्रेरणा स्रोत रहे सावरकर को लेकर भी ब्लॉग लिखा है। इसमें उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर को 'बेशर्म ब्रिटिश एजेंट' करार दिया है, जो मुस्लिमों के खिलाफ नफरत को फैलाता था, जो बाद में फूट डालो और शासन करो की  ब्रिटिश नीति का आधार बना। 

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सच्चाई यह है कि ब्रिटिश शासन के दौरान बहुत से राष्ट्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें लंबे कारावास की सजा मिली। जेल में ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें ऑफर दिया या तो हमारे साथ आ जाओ, आपको मुक्त कर दिया जाएगा, नहीं तो ताउम्र जेल में सड़ते रहो। सावरकर समेत बहुतों ने ब्रिटिश की बात मान ली। 

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अपने ब्लॉग में काटजू लिखते हैं, अपनी गिरफ्तारी 1910 तक सावरकर राष्ट्रवादी थे और उन्हें दो बार ताउम्र की सजा मिली। 10 साल जेल में बिताने के बाद ब्रिटिश सरकार ने समझौते का ऑफर दिया, जिसे सावरकर ने स्वीकार कर लिया। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने हिंदू सांप्रदायिकता पर विचार रखने शुरु कर दिए और ब्रिटिश नीति फूट डालो और शासन करो को बढ़ाने के तहत ब्रिटिश एजेंट बन गए।

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बता दें कि इससे पहले जस्टिस काटजू ने अपने लेख के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि भाजपा अकेले वर्तमान संकट से नहीं जूझ सकती हैं, इसके लिए देश को राष्ट्रीय सरकार की जरूरत है। इसके लिए जस्टिस काटजू ने इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतंयाहू का उदहारण पेश किया है। इस्राइल में हाल ही में इंमजेंसी यूनिटी सरकार का गठन किया गया है। 

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