नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू अकसर अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। देश के ज्वलंत मुद्दों पर वह अपनी राय सोशल मीडिया के जरिए रखते रहते हैं। अब उन्होंने मौजूदा कोरोना संकट को लेकर भी अपने जज्बात एक लेख में शेयर किए हैं।
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उन्होंने अपने लेख के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि भाजपा अकेले वर्तमान संकट से नहीं जूझ सकती हैं, इसके लिए देश को राष्ट्रीय सरकार की जरूरत है। इसके लिए जस्टिस काटजू ने इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतंयाहू का उदहारण पेश किया है। इस्राइल में हाल ही में इंमजेंसी यूनिटी सरकार का गठन किया गया है।
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Modiji, set aside political & ideological differences & rise to the occasion by forming a National Govt, as in Israel, or like Churchill, or else India is doomedhttps://t.co/28SJr0SGPp — Markandey Katju (@mkatju) May 18, 2020
Modiji, set aside political & ideological differences & rise to the occasion by forming a National Govt, as in Israel, or like Churchill, or else India is doomedhttps://t.co/28SJr0SGPp
मजदूरों को लेकर प्रियंका की मुहिम रंग लाई, योगी सरकार ने स्वीकारा कांग्रेस का बस प्रस्ताव इसमें सत्तारुढ़ पार्टी के नेतंयाहू पहले 18 महीने पीएम रहेंगे, उनके प्रतिनिधित्व विपक्ष दल के नेता बेनी गेंट्ज करेंगे। इसके बाद अगले 18 महीने बेनी गेट्स प्रधानमंत्री को रोल निभाएंगे। इस तरह सरकार में पक्ष और विपक्ष का प्रतिनिधित्व मिलेगा और इंमरजेंसी में पार्टी हित से ऊपर उठकर सभी देश हित और जनता की भलाई में काम करेंगे।
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जस्टिस काटजू का कहना है कि इस बारे में वह कई बार पीएम मोदी से गुहार लगा चुके हैं कि देश में राष्ट्रीय सरकार बनाई जाए और विपक्ष को साथ लेकर आपदा में काम किया जाए। इस तरह की सरकार 1940 में पीएम चर्चिल ने नाजी हमले के दौरान बनाई थी। जस्टिस काटजू ने कहा कि पीएम मोदी ने 23 मार्च को बिना किसी से सलाह लिए, जैसे नोटबंदी का ऐलान किया था, लॉकडाउन को लागू कर दिया। इसके परिणाम देश भुगत रहा है। लाखों मजदूर भूखे सड़कों पर भड़क रहे हैं अपने घर जाने को। आज पीएम मोदी की पीड़ा नेपोलियन की तरह हो गई है, जो 1812 में मॉस्को पहुंच तो गया, लेकिन हालत से निपटने के लिए आगे का रास्ता उसे पता नहीं था।
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देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन से पहले ही गर्त में थी, अब यह विकराल रूप धारण करती जा रही है। अब यह साफ है कि देश के आगे विकराल समस्या पीएम मोदी या अकेले भाजपा के बस की बात नहीं है। हालात बेकाबू हो जाए, भूख में दंगे ना भड़क जाए, इससे पहले देश में नेशनल सरकार का गठन किया जाना चाहिए।
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इसमें सभी विपक्षी दलों के साथ, अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, उद्योगपति, नौकरशाह को शामिल किया जाए। दूसरे शब्दों में संयुक्त प्रयास ही इस हालात से देश को बाहर ला सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का आर्थिक पैकेज कुछ काम नहीं करेगा, बल्कि उन्हें जवाब देना चाहिए कि तू इधर-उधर की ना बात कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा?
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