नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इस साल करवा चौथ व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। हर साल ये व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। करवा चौथ के व्रत को शादीशुदा स्त्रियां सौभाग्य प्राप्ति, पति की दीर्घायु और स्वस्थ्य जीवन के लिए रखती हैं। जो महिलाएं इस व्रत को करती हैं, उन्हें कई नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
व्रत विधि यह व्रत सूर्योदय होने से पहले शुरू और चांद निकलने तक रखा जाता है। चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत को खोलने का नियम है। इस व्रत में शाम के समय चंद्रोदय से लगभग एक घंटा पहले शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है।
इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत करती है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति को छलनी में दीपक रख कर देखती हैं। इसके बाद पति जल पिलाकर पत्नी के व्रत को तोड़ता है।
पूजन सामग्री में मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्क, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, चंदन फूल, कच्चा दूध, देसी घी, शहद, चीनी, मिठाई आदि होना जरूरी है।
शुभ मुहूर्त करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर की शाम 05 बजकर 29 मिनट से शुरू हो जाएगा। यह शाम 06 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट पर होगा।
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