Wednesday, Sep 27, 2023
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Kejriwal government will start zero fatality corridor  in Delhi KMBSNT

राजधानी की सड़कें होंगी सुरक्षित! पूरी दिल्ली में लागू होगा 'जीरो फैटेलिटी कॉरिडोर' मॉडल

  • Updated on 6/17/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने बुधवार को सड़क सुरक्षा पर 'सेव लाइफ फाउंडेशन' के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और एमओयू को चार और सालों के लिए बढ़ा दिया गया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की उपस्थिति में विशेष आयुक्त और 'सेव लाइफ फाउंडेशन' के संस्थापक और सीईओ ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। 

इससे पहले 2018 में दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शहर में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए 'सेव लाइफ फाउंडेशन' के साथ 2 साल के लिए एमओयू समझौता किया थाष। इसके बाद आउटर रिंग रोड और ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए भलस्वा चौक पर एक परीक्षण किया गया। भलस्वा चौक पर सड़कों को पुनः डिजाइन किया गया, जिसके बाद यातायात सुचारू हो गया और रोड एक्सीडेंट की कोई घटना नहीं घटी। 

जानें 10-15 साल पुराने वाहनों पर कार्रवाई को लेकर क्या बोले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत

10-15 साल पुराने वाहनों पर कार्रवाई
वहीं दिल्ली में  डीजल के 15 साल और पेट्रोल के 10 साल पुराने वाहनों के खिलाफ की गई सख्ती पर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि जनता के सवालों को ध्यान में रखते हुए, हमने परिवहन विभाग को इस मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार और परिवहन मंत्रालय, यदि आवश्यक हुआ, तो फिर से सुप्रीम कोर्ट या एनजीटी में आवेदन करेगा, ताकि वह केंद्र के कानून के अनुरूप अपने आदेश की समीक्षा कर सके। 

मंत्री गलहलोत ने कहा कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देशों में उल्लेख किया है कि उचित फिटनेस वाले वाहन एक्सपायरी के बाद भी चल सकते हैं, लेकिन दिल्ली की स्थिति ठीक नहीं है। 

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एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
उन्होंने कहा कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, क्रमशः 10 और 15 साल के जीवन काल वाले पेट्रोल-डीजल वाहनों को उनके स्थायित्व के पूरा होने के बाद पंजीकरण करना आवश्यक है। जीवन काल पूरा होने के बाद वाहनों का पंजीकरण स्वतः निलंबित हो जाता है। 

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