नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 22वें दिन भी लगातार जारी है। सरकार और किसानों के बीच अब तक 5वें दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में अब केजरीवाल सरकार (Kejriwal Govt) ने दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में संकल्प पत्र पेश किया है।
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Important Update : Kejriwal Govt tables resolution against the 3 Farm bills in Delhi Assembly and extends support to farmers' demand. — AAP (@AamAadmiParty) December 17, 2020
Important Update : Kejriwal Govt tables resolution against the 3 Farm bills in Delhi Assembly and extends support to farmers' demand.
विधायक महेंद्र गोयल ने फाड़ी कृषि कानूनों की कॉपी इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान 'आम आदमी पार्टी' के विधायक महेंद्र गोयल ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की कॉपी को फाड़ते हुए कहा कि, 'मैं इन काले कानूनों को स्वीकार करने से इनकार करता हूं, जो किसान के खिलाफ हैं।'
Delhi: AAP MLA Mahendra Goyal tears copy of Centre's Farm Laws during a special Delhi assembly session called to discuss farmers' agitation. "I refuse to accept these black laws which are against farmers,' he said while tearing the copy. pic.twitter.com/o4OQqvH5zS — ANI (@ANI) December 17, 2020
Delhi: AAP MLA Mahendra Goyal tears copy of Centre's Farm Laws during a special Delhi assembly session called to discuss farmers' agitation. "I refuse to accept these black laws which are against farmers,' he said while tearing the copy. pic.twitter.com/o4OQqvH5zS
किसानों का आज लगातार 22वें दिन आंदोलन जारी दरअसल, नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को आम आदमी पार्टी (AAP) मजबूती के साथ समर्थन दे रही है। लगातार 22 दिन से दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर डेरा जमाए बैठे किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई, जिसकी सुनवाई के दौरान दिल्ली प्रशासित केजरीवाल सरकार (Kejriwal Govt) ने किसानों को पूरा समर्थन दिया और उनकी मांगों को जायज बताया।
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केजरीवाल सरकार से ने केंद्र से किया ये सवाल बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच जमकर बहस हुई। केंद्र सरकार ने केजरीवाल सरकार से सीधा सवाल किया कि आखिर क्यों वो किसानों का पक्ष ले रही हैं? इसके जवाब में केजरीवाल सरकार ने केंद्र से ही प्रश्न पूछ लिया कि वो किसका पक्ष ले रही है?
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किसानों की बात मानते ही खत्म हो जाएगा आंदोलन' बता दें कि केजरीवाल सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरना ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगे मान ले तो ये आंदोलन तुरंत ही खत्म हो जाएगा। इन कानूनों को लाकर किसानों को यहां बैठने के लिए मजबूर किया गया है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन का जमकर विरोध किया। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि किसान बात करने के लिए तैयार नहीं है। वो किसी भी प्रकार का समझौता न करके अपनी मांगों पर अड़े हैं और अब उनके साथ विपक्षी दलों की ताकत भी जुड़ गई है।
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