Friday, Sep 29, 2023
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Kejriwal has never worked nor does he have any intention to work: Shazia Ilmi

केजरीवाल ने कभी काम नहीं किया और ना ही उनका काम करने का मन हैः शाजिया इल्मी

  • Updated on 6/9/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आम आदमी पार्टी से राजनीति शुरू की, फिर विचारों में भेद होने की स्थिति में शाजिया इल्मी ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। अब वह राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं। राजनीतिक बहस के दौरान पार्टी का पक्ष मजबूती से रखने वाले नेता के रूप में उनकी पहचान बन चुकी है। शाजिया इल्मी बीजेपी की तेजतर्रार नेता के रूप में पूरे देश में जानी जाती हैं। राजनीति को लेकर दिल्ली और देश के मुद्दों पर शाजिया ने नवोदय टाइम्स के साथ खुलकर बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश:

भारतीय जनता पार्टी में काम करते हुए कैसा लग रहा है, आप संतुष्ट हैं?

स्टार न्यूज चैनल में मैं एंकर थी। अरविंद भाई को पहले से जानती थी। मैं एक सदस्य के तौर पर, इंडिया अगेंस्ट करप्शन का हिस्सा बन गई। वो दिन और आज का दिन, मेरा रास्ता ही बदल गया। मुझे और मेरे फरिश्ते को भी खबर नहीं थी कि वो मूवमेंट, जिसकी मैं अदना सिपाही थी। वो इतना बड़ा हो जाएगा। मेरा पब्लिक लाइफ में इंटरेस्ट है। चाहे वो पत्रकारिता के जरिए हो, शहाफत के जरिए या एक्टिविज्म के जरिए हो। आंदोलन के जरिए या फिर बाकायदा राजनीति के जरिए। विचार नहीं मिले तो मैंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और जनता की सेवा कर रही हूं। मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं।

आम आदमी पार्टी कहती है कि वह विकास करना चाहती है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार करने नहीं देती। अध्यादेश लाकर अधिकार छीने जाते हैं?

उन्होंने कभी काम नहीं किया और ना ही उनका काम करने का मन है। किसी भी चीज को लेें, चाहे प्रदूषण हो, पेयजल हो और चाहे बिजली, निगम। बुरी हालत है। हर तरफ घाटा हुआ है सरकार का। इसका फायदा किसने उठाया। केजरीवाल और उनकी राजनीति ने। हम सब टैक्सपेयर हैं, हम लोग केजरीवाल की राजनीति को मदद कर रहे हैं। हमारे पैसे से वो बिजली कंपनियों को पैसे दिए जा रहे हैं। आंदोलन में थे तो अरविंद केजरीवाल कहते थे कि बिजली कंपनियां मुनाफाखोरी कर रही हैं।

AAP का कहना है कि जब नेताओं को मुफ्त में और सस्ती सेवाएं मिल सकती हैं तो आम लोगों को क्यों न मिले?

आम लोगों को सुविधाएं मिलें, सेवाएं मिलें, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि उसका तरीका सही हो। मोदी सरकार को देखिए, 84 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। इसके साथ अन्य कई योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया कि सेवाओं से जुड़े ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास होंगे। इसके बाद केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई और अधिकार एलजी को दे दिए। ऐसे दिल्ली कैसे चलेगी?

दिल्ली पूरे देश की राजधानी है। केंद्र सरकार को अध्यादेश लाने का पूरा हक है। बहुत सी सरकारों ने अध्यादेश दिए हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग के अतिरिक्त बहुत सारे विभाग हैं, उन पर दिल्ली सरकार को ध्यान देना चाहिए। दिल्ली सरकार के महत्वपूर्ण मंत्री जेल में हैं, दिख रहा है क्या ''सुशासन'' है।

अधिकारों की यह लड़ाई खत्म कैसे होगी?

जहां केजरीवाल हैं, वहां लड़ाई रहेगी। एलजी के रूप में चाहे नजीब जंग रहे हों, अनिल बैजल यहां फिर वर्तमान एलजी, लड़ाई जारी है। केजरीवाल का मतलब ही है कि हमेशा लड़ाई करना।

अध्यादेश के विरोध में कांग्रेस की तरफ से आप को समर्थन दिया जाएगा या नहीं, आपको क्या लगता है?

पिछले 8-9 साल से मैं यह बात कह रही हूं। अब आप खुद सोचिए, कांग्रेस का सफाया दिल्ली में किसने किया, आम आदमी पार्टी ने किया। पंजाब में कांग्रेस का सफाया किसने किया, आम आदमी पार्टी ने। अब कांग्रेस को सोचना है कि अध्यादेश पर आप का साथ दे या अपने आपको पूरी तरह से खत्म कर ले।

आप ने भाजपा का भी नुक्सान किया और निगम में हराया?

हम उन लोगों की तरह नहीं हैं जो ईवीएम को ब्लेम करें। जो जनादेश होता है, हम लोग उसकी इज्जत करते हैं।

आपको कभी लगता है कि आप सिर्फ बीजेपी की प्रवक्ता नहीं हैं। आपको बोलते हुए बीजेपी से जुड़े हुए दूसरे संगठनों का भी ख्याल रखना पड़ता है?

रखना पड़ता है और बिल्कुल ख्याल रखना चाहिए। लेकिन, सच से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। मैं प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी की हूं पूरी तरह से। मेरी सौ फीसद वफादारी भाजपा के लिए है।

साक्षी मर्डर केस सुर्खियों में रहा। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग रहा?

यह बहुत ज्यादा शर्म की बात है। निर्भया आंदोलन में मैं थी, हम लोग जब गए थे, पुलिस के डंडे चले थे। रायसीना हिल में, नाॅर्थ ब्लाॅक में। कितनी महिलाएं थीं। यह सब किसी पार्टी की तरफ से नहीं था। आम लोगों की जनचेतना थी। जनाक्रोश कहना चाहिए। वह दिन और आज का दिन, कुछ भी नहीं बदला है। मुझे इस बात की बहुत ग्लानि होती है। एक बच्ची को किस तरह मार दिया गया। लोग देखते रहे। सामाजिक क्रांति की जरूरत है।

साक्षी हत्याकांड के बाद धर्म विशेष पर निशाना साधा जा रहा है?

मुझे लगता है कि चंद लोगों की हरकत को लेकर पूरे मजहब को बदनाम नहीं किया जा सकता। हिंदू-मुस्लिम इतना ज्यादा हो गया है कि हम इंसान को इंसान और भारतीय को भारतीय के तौर पर नहीं देख रहे हैं। यह एक और बात है जो मुझे बहुत शर्मसार करती है। मुझे लगता है कि हम जैसे लोगों का मकसद होना चाहिए कि हम लोग सभी को साथ लाएं।

महिला पहलवानों के आंदोलन को लेकर क्या कहेंगी आप?

पुलिस की जांच चल रही है। जो भी आरोप महिला पहलवानों ने लगाए हैं, उसके हिसाब से कानूनन जो कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। लेकिन, मेरा स्पष्ट मानना है कि महिलाओं के साथ किसी तरह के उत्पीड़न के मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

भाजपा पर वोटों की राजनीति के लिए ध्रुवीकरण का आरोप लगता है?

यदि ऐसा होता तो जो भी कल्याणकारी योजनाएं हैं, उनमें 30 से 36 प्रतिशत लाभार्थी मुसलमान कैसे होते? जबकि उनकी आधिकारिक आबादी करीब 15 फीसदी है। भाजपा की सरकार जरूरतमंदों को सुविधाएं पहुंचाती है, वह किसी का धर्म नहीं देखती। मुसलमानों की महिलाओं की जिंदगी को बेहतर करने के लिए भाजपा ने सबसे अधिक काम किया। शिक्षा के क्षेत्र में मुसलमान बच्चियों को जोड़ा गया है?

2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, क्या स्थिति होगी, क्या लगता है आपको। अल्पसंख्यकों का कितना साथ मिलेगा?

मोदी सरकार ने विकास का काम बहुत तेजी से किया है। पेयजल, आवास, रसोई गैस, शौचालय, एयरपोर्ट, राजमार्ग बहुत सारे काम किए गए हैं। यह सुविधाएं देश में बढ़ाई गई हैं तो इसका लाभ मुसलमानों को भी मिलेगा। जैसाकि मैंने पहले बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने मुसलमानों के लिए बहुत काम किया। हर तरह की योजनाओं का लाभ मुसलमानों को बढ़-चढ़कर मिला है।

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