Friday, Sep 29, 2023
-->
kejriwal said - sc order victory of democracy after two months delhi will get mayor

केजरीवाल बोले- SC का आदेश जनतंत्र की जीत, ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा

  • Updated on 2/17/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को शुक्रवार को ‘लोकतंत्र की जीत' करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायालय का आदेश यह साबित करता है कि उपराज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों "अवैध और असंवैधानिक आदेश" पारित कर रहे थे।

भारत के चुनावों में इजरायली कंपनी का ‘इस्तेमाल' हुआ, जांच कराई जाए: कांग्रेस

  •  

BCC डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नई जनहित याचिका

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली के महापौर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।

अडाणी पोर्ट्स के साथ LPG Deal पर IOC ने दिया स्पष्टीकरण

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत। उच्चतम न्यायालय का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।''

अगर मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदर्शन तेज किए जाएंगे : लद्दाख के समूह 

उच्चतम न्यायालय का आदेश दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर आया है, जिसमें यह चुनाव जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया था। 

उप्र में केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई 
उच्चतम न्यायालय ने 2014 के आम चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस के विरूद्ध कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी। केजरीवाल इलाहाबाद उच्च न्यायायल की लखनऊ पीठ के विरूद्ध शीर्ष अदालत गये थे। 

थरूर बोले- अगले चुनाव में हर लोकसभा सीट पर विपक्ष का एक उम्मीदवार हुआ तो BJP...

पिछले महीने उच्च न्यायालय ने सुल्तानपुर में एक निचली अदालत में लंबित आपराधिक मामले में केजरीवाल को आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया था। प्राथमिकी में केजरीवाल को जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 125 के तहत अपराध को लेकर आरोपित किया गया है। यह धारा चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने से जुड़ी है। केजरीवाल की याचिका न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। 

अडाणी मामले में मोदी सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सुझाव नामंजूर

पीठ ने इस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई की तारीख तक इस मामले में सुनवाई पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस याचिका पर पांच हफ्ते बाद सुनवाई होगी। केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, ‘‘ जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरा मानना है, देश के साथ गद्दारी होगी.... जो भाजपा को वोट देगा, उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा...।'' 
 

अडाणी समूह का एकाधिकार रक्षा क्षेत्र में स्थापित करवाने में मदद क्यों कर रही है सरकार: कांग्रेस

comments

.
.
.
.
.