नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन कड़ाके की सर्दी में भी जारी है आज आंदोलन का 38वें दिन है। कृषि काननों को वापस लेने की लगातार मांग कर रहे किसानों के तेवर दिन पे दिन और सख्त दिख रहे हैं। ऐसे में बॉर्डर पर किसानों के रुकने की व्यवस्था में भी सुधार किया जा रहा है और नई-नई तरकिबें निकाली जा रही है। सिंघु बॉर्डर पर अब किसान अनूठी तकनीक का सहारा लेकर खाना बना रहे हैं। करीब 200 लीटर डीजल की खपत से वे बड़े बर्नर से एक टन चाय रोजाना बनाते हैं और नाश्ते के लिए लगभग 10 हजार ब्रेड पकोड़ों को डीजल बर्नर के माध्यम से ही बनाया जा रहा है।
200 लीटर डीजल के ड्रम से बनता है नाश्ता किसानों की व्यवस्था के बारे में बताते हुए लंगरघर में शामिल कुलवंत ने बताया कि प्रदर्शन में किसानों के लिए वह ही नाश्ता तैयार करते है। उन्होंने ने कहा जब लंगर की शुरुआत हुई थी, तब बड़ी संख्या में गैस सिलिंडर का इंतजाम नहीं हो सका था। यह देखते हुए नाश्ता बनाने के लिए बड़े डीजल बर्नरों को चुना गया। इसके लिए कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेट्रोल पंप से प्रतिदिन 200 लीटर डीजल के ड्रम भरकर आता हैं, जिनसे एक दिन में करीब एक टन चाय और 10 हजार ब्रेड पकोड़े नाश्ते में बनाते हैं।
उन्होंने बताया कि डीजल के बड़े टैंक को अगल-अलग बर्नर के साथ जोड़ा गया है। इन बर्नर के बाहर दो टोटी लगाई गई हैं। इनमें से बूंद बूंद कर डीजल बर्नर में पहुंचता है। बर्नर में हवा देने के लिए एक पंखे की भी व्यवस्था की गई है, जिसकी तेज हवा के कारण आग की आंच तेज हो जाती है। इससे गैस के मुकाबले कम समय में नाश्ते को तैयार कर लिया जाता है।
चार में से दो मांगों में सरकार और किसानों के बीच सहमति बता दें कि केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बुधवार को हुई छठे चरण की बातचीत में चार में से दो मांगों में सरकार और किसानों के बीच सहमति बनी। अब सरकार और किसान नेताओं के बीच अगली बैठक चार जनवरी को होनी है। इस बैठक से पहले शनिवार को किसानों ने साफ किया कि उन्हें कृषि कानून वापस लिए जाने से कम मंजूर नहीं है। कृषि कानून वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। किसान मोर्चे ने ऐलान करते हुए कहा कि अगली बातचीत में अगर हल नहीं निकलता है तो वह एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे।
26 जनवरी को दिल्ली में 'ट्रैक्टर किसान परेड' क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, '23 जनवरी को हम विभिन्न राज्यों में राज्यपालों के घरों की ओर मार्च करेंगे और 'ट्रैक्टर किसान परेड' 26 जनवरी को दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इसके अलावा किसान नेता बलवीर सिंह रजवाल ने कहा कि सरकार जिस तरीके से दुष्प्रचार कर रही है, हमने उसे गलत साबित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है, हमने एक देश एक मंडी बना दी। हमने कहा कि आपने एक देश दो मंडी बना दी।
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