Friday, Jun 02, 2023
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किसान आंदोलन: बिजवासन पहुंचे देशभर के किसान, सरकार पर बनाएंगे दबाव

  • Updated on 11/29/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पूरे देश के किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। किसान पूरे देश में पद यात्रा के बाद 29 और 30 नवंबर को दिल्ली में दाखिल होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि किसान आठ अलग-अलग रास्तों से दिल्ली में दाखिल हो सकते हैं। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है। मिल रही जानकारी के मुताबिक किसान बड़ी संख्या में बिजवासन पहुंच गए हैं। किसानों से साथ बच्चे, बूढ़े और युवा भी शामिल हैं। किसानों के इस मार्च की अगुवाई योगेंद्र यादव कर रहे हैं।

किसान कुछ मांगों को लेकर ये मार्च कर रहे हैं। किसानों की मांगों में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा, पिछले कर्जे की माफी और एम एस स्वामीनाथन कमीशन की रिपॉर्ट को पूरी तरह से लागू होना शामिल है। जानकारी के लिए बता दें कि इस रैली में करीब 200 किसान संगठनों की रैली शामिल है।

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रैली में शामिल किसान दो दिनों तक रहेंगे। किसानों की ज्यादा संख्या को देखते हुए पुलिस ने किसानों को जंतर मंतर पर न रुकने की एडवाइजरी जारी की है। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक किसान दिल्ली के रामलीला मैदान पर इकट्ठा होंगे।

इससे पहले भारतीय किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीएम सिंह ने 25 अक्टूबर को ये जानकारी दी थी कि 29 नवंबर को सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली के सीमीवर्ती शहरों फरीदाबाद, गाजियाबाद और गुरुग्राम में एकत्र होंगे। इसके बाद सभी किसान संगठन दो दिवसीय किसान महासम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये पैदल मार्च कर रामलीला मैदान पहुंचेंगे। 

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इस दौरान स्वराज इंडिया के संयोजक और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि सम्मेलन के पहले दिन किसानों की मौजूदा हालत और सरकार की ओर से किए गए वादों की पूर्ति के दावों की हकीकत पर चर्चा की जाएगी। सरकार पर किसानों की मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 

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उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का मकसद किसानों की दो मुख्य मांगों (किसानों की कर्जमाफी के केन्द्र और राज्य सरकारों के वादे को पूरा किया जाए और किसानों को फसल का उचित मूल्य मिले) को पूरा करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना है। 

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