Saturday, Mar 25, 2023
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#ValentineWeek2019: गुलजार के इस गाने में छिपा है इश्क के परवान चढ़ने का राज

  • Updated on 2/6/2019

नई दिल्ली/श्वेता राणा। प्यार का दिन, प्यार के इजहार का दिन यानी वेलंटाइन डे बस अब कुछ दिन दूर है। अपने जज्बातों के शब्दों में बयां करने के लिए शायद इस दिन का इंतजार हर बेचैन दिल करता है। अपने प्यार को मुकम्मल करने के लिए वो शख्य किस हद तक चला जाता है इसका अंदाजा सिर्फ वही लगा सकता है जो प्यार में हो। प्यार एक ऐसी चीज है जिसमें इंसान क्या क्या नहीं कर जाता, कभी ताजमहल बनवा जाता है तो कभी शायरी लिख जाता है।

जैसे साहिर लुधियानवी ने मोहब्बत के स्मारक ताजमहल के लिए लिखा :-

मेरे महबूब कहीं और मिला कर मुझसे

ये चमनजार ये जमुना का किनारा ये महल
ये मुनक्कश दर-ओ-दीवार, ये मेहराब ये ताक

इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर
हम गरीबों की मुहब्बत का उड़ाया मजाक


प्यार यह एक शब्द नहीं बल्कि अपने आप में एक जज्बात है। जिसे समझने के लिए किसी को साल लगता है तो किसी को सदियां। आपको ये जानकर हैरानी होगी के इश्क में भी चरण होते है,  किसी गेम जैसे, लेकिन ये गेम नहीं उस प्यार के परवान चढ़ने के सात अलग-अलग मुकाम होते हैं।

अगर आपको इन सात चरणों को समझना है तो आपको फिल्म 'दिल से' का गाना 'सतरंगी रे' का रुख करना होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि इस गाने में ऐसा क्या है, तो आपको बता दें कि गुलजार द्वारा लिखे गए इस गीत में उन सात चरणों को काफी अच्छे से उल्लेख किया गया है।

आइए आपको बताते हैं 7 डिफ्रेंट स्टेजेस ऑफ लव

इस बार बता मुजोर हवा ठहरेगी कहां?
गाना की शुरुआत होती है, तू ही ती सतरंगी रे...कोई ख्वाब है या परछाई है। ये इश्क का पहला स्तर है, जिसका मतलब है आकर्षण यानी अटरेक्शन। इसे आसान भाषा में कह सकते हैं पहली नजर का प्यार।

इस मुखड़े के आखिर में गालिब का एक शेर प्यार के पहले स्तर को अच्छे से बयां करता है, जिसका अर्थ है इश्क पर किसी का जोर नहीं चलता, इसके होने का कोी कारण नहीं होता ये बस हो जाता है।

आंखों ने कुछ ऐसे छुआ, हल्का-हल्का उन्स हुआ
गाने के दूसरे पैरा पर आते-आते एक शब्द सुनाई पड़ता है-उन्स, जिसका मतलब है अनुराग, अफेक्शन या सम्मोह। ये प्यार का वो स्तर है जहां आप अपने लवर को देखभर लेने का ख्वाहिश, उसको छू लेने की ख्वाहिश जोर मारने लगती है। आप घंटो की मेहनत कर उसके कुछ पल के दीदार को तरसते हैं। जो शायद किसी भी प्यार की शुरुआत में अच्छा होता। 

मुझे इश्क दिलासे देता है, मेरे दर्द बिलखने लगते हैं
तीसरा स्तर है इश्क, जिसे आम भाषा में प्यार कहते हैं। जलन, दिल टूटना, आखों से अश्क आना इन सबकी शुरुआत यहीं से होती है। ये वो मुकाम है जहां अमूमन आशिक और माशूक को तमगा मिलता है और उनका इश्क इस मुकाम पर आकर दम तोड़ देता है। लेकिन जो ये लेवल पार कर जाते हैं उनके लिए आगे सामने आती हैं ये चीजे। 

मैं फर्श पे सजदे करता हूं, कुछ होश में कुछ बेहोशी से
गाने के इस अतंरे में आपको चौथे और पांचवें स्तर का मिलाप देखने और सुनने को मिलेगा। इस अंतरे में सजदे का मतलब यहां अकीदत यानी श्रद्धा और कुछ-कुछ इबादत यानी भक्ति से है।

ये वो स्तर है जहां आपको अपने लवर की हर बात में सच्चाई नजर आती है। बस यही आकर आपका प्यार भक्ति जैसा हो जाता है।

मेरा जीना जूनून, मेरा मरना जूनून
नाम से ही यहां साफ है जूनून। ये है 6ठां और घाटक स्तर। इश्क के इस मुकाम पर आते ही इंसान उलझ जाता है और सुलझाने के लाख कोशिश के बावजूद भी उलझा रहता है। यहां इश्क सिर्फ इश्क नहीं रहता वो  एक पागलपन बन जाता है। यहां आशिक और माशूक दोनों ही एक दूसरे के अलावा कुछ और सोचने के काबिल नहीं रहते।

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मुझे मौत की गोद में सोने दे
ये इश्क का आखिरी स्तर है,जिसे हम एक अंत या शुरुआत कुछ भी कह सकते हैं, अपनी समझनुसार। ये वो स्तर है जहां से आप अपने लवर की आत्मा मे समाना चाहते हैं। छह स्तर पार कर आखिरकार अपनी मृत्यु को प्राप्त कर लिया है और प्रेम के चरणों को शामिल करते हुए आप आखिरकार अपने लवर तक पहुंच गए हैं।

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