Thursday, Jun 01, 2023
-->
Kshatriya and Gurjar are running on each other, arrows and words of claims on the emperor

सम्राट पर महाभारत, क्षत्रिय व गुर्जर एक दूसरे पर चला रहे है दावों की तलवार व शब्द बाण

  • Updated on 9/19/2021

 

नई दिल्ली, टीम डिजीटल। दादरी में स्थापित होने वाली सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा और आखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा ट्रस्ट आमने सामने आ गए। सम्राट को लेकर शुरू हुई महाभारत में रविवार को  दावों की तलवार  व शब्दों के बाण  सोशल मीडिया से लेकर प्रेसवार्ता के दौरान एक दूसरे पर खूब चलते दिखाई दिए।

 मालूम हो कि 22 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। उससे ठीक पहले उनकी जाति को लेकर क्षत्रिय समाज के संगठनों ने सम्राट से पहले गुर्जर शब्द लिखने का विरोध करना शुरू कर दिया है। जिसे अब गुर्जर समाज भी अपनी नाक का सवाल बनाए हुए है। इस विरोध की महाभारत में निशाने पर दादरी विधायक तेजपाल नागर व सांसद है। जिन्हें भाजपा के कुछ नेता व विरोधी मुख्यमंत्री का अनावरण कार्यक्रम रद्द करा कर क्षेत्रीय जनता में किरकिरी कराने की बड़ी साजिश रच रहे है। जिसमें अब विरोधी राजनैतिक पार्टियों के स्थानीय नेता भी शामिल हो गए है।  

वीर गुर्जर महासभा के आचार्य वीरेन्द्र विक्रम ने इसे समस्त देशवासियों के लिए गौरव की बात बताया। वहीं, राजपूत समाज ने इसका पूरजोर विरोध करते हुए इतिहास केे साथ छेड़छाड़ बताया। जिसे वह कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रतिमा का अनावरण उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ करेगे। वार्ता के दौरान वीर गुर्जर महासभा के आचार्य वीरेन्द्र विक्रम ने कहा कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे और गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी सम्राट थे। जिन्होने 53 वर्षों तक अखंड भारत पर शासन किया। उनकी पहचान समाज में गुर्जर सम्राट के नाम से ही है। उनके समकालीन शासकों राष्ट्रकूट और पालो ने अपने अभिलेखों में उनको गुर्जर कहकर ही संबोधित किया है। 851 ईसवी मे भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जरदेश कहा है। सम्राट मिहिर भोज के पौत्र सम्राट महिपाल को कन्नड़ कवि पंप ने गुर्जर राजा लिखा है। उन्होंने बताया कि प्रतिहारो को कदवाहा, राजोर , देवली, राधनपुर, करहाड़, सज्जन, नीलगुंड, बड़ौदा के शिलालेखों में गुर्जर जाति का लिखा है। 1957 मे डॉक्टर बैजनाथ पुरी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से गुर्जर प्रतिहारो पर पीएचडी करी और उनको गुर्जर जाति का सिद्ध किया । भारत के इतिहास में 1300 ईसवी से पहले राजपूत नाम की किसी भी जाति का कोई उल्लेख नहीं है। क्षत्रिय कोई जाति नहीं है , क्षत्रिय एक वर्ण है जिसमे जाट , गुर्जर , राजपूत अहीर (यादव ) , मराठा आदि सभी जातिया आती है। उन्होंने बताया की हमारे सारे प्रमाण मूल लेखो, समकालीन साहित्य और शिलालेखों पर आधारित है।

 

क्षत्रिय समाज इतिहास के साथ नहीं होने दिया जाएगा खिलवाड़

वहीं क्षत्रिय समाज इस अनावरण का पूर जोर विरोध कर रहा है। वार्ता के दौरान अध्यक्ष ऋषिपाल परमार ने बताया गया कि गुर्जर शब्द एक स्थान विषेश व भौगोलिक है न कि जातिवाचक। गुजरात पर शासन करने वाले राजा को गुर्जेश्वर या गुर्जर अधिपति की उपाधि मिलती थी। लेकिन एक समाज विषेश इसे अपनी जाति से जोडऩे का प्रयास कर रहा है। सम्राट मिहिर भोज के वंशज आज भी नागौर में राजकुमार किले में रहते है। उन्होंने लिखकर दिया है कि हम लक्ष्मण के वंशज राजपूत है न कि गुर्जर। इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया तो इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

क्षत्रिय समाज ने प्यावली गांव में की महापंचायत

दादरी के डिग्री कॉलेज में अनावरण से पहले सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर विवाद रविवार को और बढ़ता दिखाई दिया। रविवार को क्षत्रिय समाज की महापंचायत अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना ने 144 गांवों के क्षत्रिय समाज की महापंचायत प्यावली गांव में आयोजित की। सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने का विरोध किया है और ऐलान किया कि अगर इतिहास से खिलवाड़ किया गया तो नतीजे भुगतने पड़ेंगे। पंचायत में फैसला हुआ कि पहले जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। अगर फिर भी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन किया जाएगा।

रविवार को आयोजित प्यावली गांव में महापंचायत में करीब एक हजार युवकों की भीड़ शामिल हुई। करणी सेना के ब्रजेश राणा ने कहा, हम लोगों ने तय कर लिया है कि सबसे पहले इस कार्यक्रम को रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी एक ज्ञापन भेजा गया है। अगर इसके बावजूद भी इस कार्यक्रम को नहीं रोका गया तो सडक़ पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। क्षत्रिय समाज अपने इतिहास के साथ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय से जोडकऱ प्रचार प्रसार करना हमें कतई स्वीकार नहीं है। इस कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जा रहा है। ब्रजेश राणा ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता और आरएसएस के कार्यकत्र्ता लोगों को भडक़ाने का काम कर रहे हैं। साठा चौरासी और बिसहाड़ा गांव के आसपास हजारों ठाकुर समाज के परिवार रहते हैं। कुछ भाजपा और संघ के लोग ही दो जाति के बीच मतभेद पैदा करके भाजपा के खिलाफ गहरी राजनीति रच रहे हैं। उनका उनका है कि ठाकुर और गुर्जर समाज के लोग भाजपा को वोट देते हैं लेकिन ऐसा करके भाजपा के वोटरों को बांटने का काम किया जा रहा है।

 

गांव में पुलिस और पीएसी तैनात रही

प्यावली गांव में महापंचायत की घोषणा के बाद भारी फोर्स तैनात कर दिया गया। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वी सिंह ने कहा कि महापंचायत की घोषणा होने के बाद से पुलिस अफसर दबाव बना रहे हैं। यह महापंचायत रोकने की पूरी कोशिश की गई है। कार्रवाई की धमकी दी जा रही हैं, लेकिन वह इस महापंचायत को आयोजित करेंगे। यह हमारे लिए अपनी पहचान और अपने इतिहास को बचाये रखने का सवाल है।

comments

.
.
.
.
.