नई दिल्ली। टीम डिजिटल। कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। वह बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे। कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के‘क्रॉस वोटिंग’करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। आदमपुर से मौजूदा विधायक बिश्नोई (53) ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा। बिश्नोई के इस्तीफे के बाद अब हिसार जिले की आदमपुर सीट पर उपचुनाव कराना होगा। उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने भी कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव हिसार सीट से लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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हाल के हफ्तों में, कुलदीप बिश्नोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठकें की हैं और उनकी तारीफों के पुल बांधे जिससे संकेत साफ था कि वह कांग्रेस को अलविदा कहने वाले हैं। कांग्रेस से औपचारिक रूप से अलग होने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा, ‘‘ मैं एक आम कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा में शामिल हो रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि मेरे सारे समर्थक, जो चाहे हरियाणा, राजस्थान या पंजाब के इलाकों में हैं, वे इसका पूर्ण सम्मान करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी और अपने समर्थकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है।’’
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इस्तीफा देने के बाद बिश्नोई ने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आदमपुर से चुनाव लडऩे की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘ हुड्डा ने मुझे चुनौती दी थी कि कुलदीप बिश्नोई (भाजपा में शामिल होने से) पहले इस्तीफा दें। मैं अब उन्हें, जो 10 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं, चुनौती देता हूं कि आदमपुर में मेरे या मेरे बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ें।’’ बिश्नोई की चुनौती पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख उदयभान ने कहा, 'जो शख्स साल में छह महीने विदेश में रहते हैं और जो पहुंच से बाहर रहते हैं, वह चुनौती देने की बात कर रहे हैं।’’ कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के‘क्रॉस वोटिंग’करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे बिश्नोई पार्टी से पहले से ही नाराज चल रहे थे। इस साल की शुरुआत में उन्हें कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख पद पर नियुक्त न किए जाने के बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए थे।
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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई दूसरी बार कांग्रेस से नाता तोड़ रहे हैं। पार्टी से अलग होने के बाद करीब छह साल पहले ही वह दोबारा कांग्रेस से जुड़े थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि कांग्रेस अब वह इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के समय वाली पार्टी नहीं रही। कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक गई है। वह अब चाटुकारों की पार्टी बन गई है। अधिकतर वे लोग पार्टी चला रहे हैं, जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है या जो एक दशक से (चुनाव) नहीं जीते हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनकी ओर से लिए गए फैसले पूरे देश में गलत साबित हुए हैं। उदयभान द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में होने की वजह से बिश्नोई भाजपा में शामिल हो रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक, मुझे ईडी का कोई नोटिस नहीं मिला है और न ही मुझे तलब किया गया है।’’
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बिश्नोई ने कहा, ‘‘तीन साल पहले आयकर विभाग ने कुछ छापेमारी की थी और सभी मामलों का लगभग निपटारा हो गया है।’’ बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी और सिद्धांतों की राजनीति की है। विधानसभा भवन में अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के दौरान उनके साथ उनकी पत्नी रेणुका भी थीं। वह भी पूर्व विधायक हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे और इसका फैसला भाजपा करेगी कि आदमपुर से उपचुनाव कौन लड़ेगा, लेकिन वह और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि उनके बेटे भव्य बिश्नोई वहां से चुनाव लड़ें।
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बिश्नोई ने कहा, ‘‘ पार्टी जो भी फैसला करेगी, हम उसका सम्मान करेंगे।’’ उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) गठित की थी और भाजपा के साथ गठबंधन किया था जो बाद में टूट गया तो उन्होंने कहा कि तीन साल सबकुछ ठीक चला लेकिन कई बार तो परिवार में भी मसले हो जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ‘आप दुश्मन बन जाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि यह कहना गलत होगा कि नरेंद्र मोदी सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्रियों में से एक हैं। हरियाणा में, मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काम करने के तरीके से खुश हूं।’’ सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके पास सात पूर्व विधायकों की सूची है जो भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। वर्ष 2005 में राज्य में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बिश्नोई और उनके पिता भजनलाल ने 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) बनाई थी। हजकां ने बाद में भाजपा और दो अन्य दलों के साथ गठबंधन कर लिया था और 2014 का लोकसभा चुनाव हरियाणा में साथ लड़ा था। हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया था।
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