नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई ङ्क्षहसा में मारे गए चार किसानों के लिए मंगलवार को ‘अंतिम अरदास’ की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक पदाधिकारी ने कहा कि किसी भी नेता को ‘अंतिम अरदास’ में मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मौजूद रहेंगे। जिस स्थान पर हिंसा हुई थी उसके समीप ही ‘अंतिम अरदास’ का आयोजन किया जा रहा है।
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लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कुचले गए चार किसानों के‘अंतिम अरदास’के लिए विभिन्न राज्यों के किसान पहुंचने लगे हैं। सामूहिक अंतिम प्रार्थना में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के किसानों के शामिल होने की उम्मीद है। अंतिम प्रार्थना के लिए राकेश टिकैत सहित किसान नेताओं के भी यहां पहुंचने की उम्मीद है। रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता जयंत चौधरी का मंगलवार को लखीमपुर जाने का कार्यक्रम है। हालांकि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के पदाधिकारी के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल के राजनेता को मंगलवार की अंतिम प्रार्थना में किसान नेताओं के साथ मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
लखीमपुर खीरी हत्याकांडः किसानों के लिए यह जलियाँवाला बाग जैसी ही घटना है। शहीदों तुम्हारे सपनों को मंज़िल तक पहुँचाएंगे।#FarmersProtest pic.twitter.com/n0DOoVz1W6 — Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 11, 2021
लखीमपुर खीरी हत्याकांडः किसानों के लिए यह जलियाँवाला बाग जैसी ही घटना है। शहीदों तुम्हारे सपनों को मंज़िल तक पहुँचाएंगे।#FarmersProtest pic.twitter.com/n0DOoVz1W6
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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कार्यक्रमों के मद्देनजर, पुलिस अधिकारियों के सभी अवकाश 18 अक्टूबर तक रद्द कर दिए गए हैं और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इस आशय का एक आदेश पहले ही जारी कर दिया है। जिस स्थान पर घटना हुई थी, वहां से करीब 500 मीटर दूर गुरुद्वारा कौडिय़ाला घाट गुरुद्वारा के सेवादार बाबा कला सिंह ने कहा, 'अखंड पाठ रविवार को शुरू हो गया है और यह चल रहा है जिसकी मंगलवार को सुबह लगभग नौ बजे समाप्त होने की संभावना है। यहां हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के कल आने की संभावना है। तिकुनिया के बाहरी इलाके में एक पंडाल बनाया गया है।’’ बाबा काला सिंह ने कहा, 'पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से लोग अपने-अपने वाहनों से पहुंच रहे हैं। यहां का माहौल शांतिपूर्ण है, फिलहाल यहां ज्यादा भीड़ नहीं है।’’
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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में शहीद किसानों के अंतिम अरदास स्थल पर पहुंच चुका हूं । pic.twitter.com/9HXpqv3a3h — Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) October 11, 2021
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में शहीद किसानों के अंतिम अरदास स्थल पर पहुंच चुका हूं । pic.twitter.com/9HXpqv3a3h
पाठ पूरा होने के बाद मैदान में सामूहिक‘अंतिम अरदास’और‘लंगर’का आयोजन किया जाएगा। तीन अक्टूबर की घटना लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकुनिया-बनबीरपुर रोड पर हुई है, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे। इस घटना में चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य (जो इस घटना के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए थे) की मौत हो गई थी। मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे। बहराइच के मटेरा थाना अंतर्गत मोहरनिया गांव निवासी मृतक गुरविंदर सिंह के चाचा सुखदेव सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बहराइच के दो किसान गुरविंदर सिंह और दलजीत सिंह के घरों में भोग लगाया गया है। लखीमपुर के तिकुनिया स्थित कौडिय़ाला घाट गुरुद्वारा में मृतक किसानों के लिए‘पाठ’रखा गया है।
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भारतीय किसान यूनियन-टिकैत के जिलाध्यक्ष अमनदीप सिंह संधू और जिला उपाध्यक्ष बलकार सिंह ने सोमवार को यहां कहा, 'मृत किसानों के लिए मंगलवार (12 अक्टूबर) को तिकुनिया में अंतिम अरदास की जाएगी।’’ संधू ने कहा, 'विभिन्न राज्यों और जिलों के किसान तथा नेता तिकुनिया में‘अरदास’और‘भोग’कार्यक्रम में भाग लेंगे।’’ अरदास में विभिन्न नेताओं की भागीदारी पर, बलकार सिंह ने कहा, च्च्किसी भी राजनीतिक नेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ही मौजूद रहेंगे।’’
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केंद्र के तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आरोप लगाया कि पूर्व नियोजित साजिश के तहत हिंसा की गई। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की भी मांग की थी । शनिवार देर रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था। किसान संघों ने कहा है कि अगर सरकार 11 अक्टूबर तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे मारे गए किसानों की अस्थियों को लेकर लखीमपुर खीरी से ‘शहीद किसान यात्रा’ निकालेंगे। एसकेएम ने 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक देश भर में ‘रेल रोको’ आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में ‘महापंचायत’ करने का आह्वान किया।
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