Saturday, Jun 03, 2023
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IPO लिस्टिंग और IDBI बैंक का शेयरधारक बने रहने को लेकर LIC प्रमुख ने रुख किया साफ

  • Updated on 2/21/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एम आर कुमार ने सोमवार को कहा कि बीमा कंपनी रूस-यूक्रेन तनाव से उपजी भू-राजनीतिक स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुई है लेकिन मार्च में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को सूचीबद्ध कराने को लेकर काफी गंभीर है।       उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन तनाव का असर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के रूप में दिख रहा है। अगले महीने अपना आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी एलआईसी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास निर्गम संबंधी विवरण पुस्तिका जमा करा चुकी है।

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कुमार ने मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति का आईपीओ पर पडऩे वाले असर के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम स्थिति को सावधानीपूर्वक देख रहे हैं लेकिन हम मार्च में आईपीओ को सूचीबद्ध कराने को लेकर काफी गंभीर हैं।’’  यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है जिसके जरिये बिक्री पेशकश के माध्यम से सरकार की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 63,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव है।

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पूर्वी यूरोप में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर बढ़ाये जाने की आशंका के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने फरवरी में अब तक घरेलू बाजार से शुद्ध रूप से 18,856 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। डिपोजिटरी आंकड़ो के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक फरवरी से 18 फरवरी के बीच 15,342 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर और 3,629 करोड़ रुपये मूल्य के बांड बेचे। जबकि इस दौरान उन्होंने 115 करोड़ रुपये का निवेश किया।   

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LIC की IDBI बैंक का शेयरधारक बने रहने की इच्छा 
आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि वह आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहता है, ताकि उसे बैंक बीमा का फायदा मिलता रहे। आईडीबीआई बैंक 21 जनवरी 2019 को एलआईसी की सहायक इकाई बन गया था। योग्य संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के तहत बैंक द्वारा अतिरिक्त इक्विटी शेयर जारी करने के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 49.24 प्रतिशत होने के कारण 19 दिसंबर 2020 को आईडीबीआई बैंक को एक संबद्ध कंपनी के रूप में फिर से वर्गीकृत किया गया था।

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सरकार आईडीबीआई बैंक में 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अल्पांश शेयरधारक है और वह पहले ही अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने का इरादा जता चुकी है। एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हम आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहेंगे। बैंक में हिस्सेदारी लेने का हमारा विचार रणनीतिक प्रकृति का था और यह वजह अभी भी बनी हुई है।’’

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उन्होंने कहा कि बैंक बीमा खंड में आईडीबीआई बैंक सबसे मजबूत योगदानकर्ता रहा है। बैंक बीमा, एक बैंक और एक बीमा कंपनी के बीच एक व्यवस्था है, जिसके तहत बीमा कंपनी अपने उत्पादों को बैंक के शाखा नेटवर्क के माध्यम से उसके ग्राहकों और अन्य लोगों को बेचती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एलआईसी अध्यक्ष के रूप में चाहता हूं कि यह संबंध भविष्य में भी जारी रहे।’’ एलआईसी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये इसी महीने विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराया है। इस बिक्री पेशकश के जरिये सरकार 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है।

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