नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना से लिखित में यह बताने को कहा कि उन्होंने सरकारी शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को कभी खारिज नहीं किया। मामले को लेकर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच गतिरोध बना हुआ है। इससे पहले इस मुद्दे पर अपना विरोध जताने और बैठक की मांग को लेकर केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च निकाला। उपराज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार को इसका समग्र मूल्यांकन करने की सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से सवाल करते हुए उनसे लिखित में यह देने का आग्रह किया कि प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है।
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केजरीवाल ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने शिक्षकों को फिनलैंड प्रशिक्षण के लिए भेजने संबंधी प्रस्ताव को कभी भी खारिज नहीं किया। अगर ऐसा है, तो वह (उपराज्यपाल) कृपया मुझे तुरंत पत्र लिखकर बता सकते हैं कि उन्हें प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है और मामला खत्म हो जाएगा।'' गौरतलब है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में प्राथमिक कक्षाओं के 30 प्रभारियों के दो समूहों को फिनलैंड भेजने की योजना बनाई थी। परिषद ने अपनी वार्षिक योजना में बजट का प्रावधान भी किया है और उसे इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा सहायता अनुदान दिया गया है।
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राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह दोहराया जाता है कि उपराज्यपाल ने फिनलैंड में प्राथमिक कक्षाओं के प्रभारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है। इसके विपरीत दिया गया कोई भी बयान भ्रामक और शरारत से प्रेरित है।'' उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को सलाह दी गई है कि वह प्रस्ताव का समग्र रूप से मूल्यांकन करे और ‘‘छात्रों को प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव के संदर्भ में लागत लाभ विश्लेषण रिकॉर्ड करे ताकि अतीत में शिक्षकों के लिए आयोजित किए गए विभिन्न विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।''
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अधिकारी ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने देश के भीतर उत्कृष्ट संस्थानों में समान प्रशिक्षण कार्यक्रमों का पता लगाने की भी सलाह दी है, ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग, वित्तीय विवेक और प्रशासनिक प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।'' दिल्ली सरकार ने अब तक 1,079 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न देशों में भेजा है। इनमें से 59 फिनलैंड, 420 कैंब्रिज और 600 सिंगापुर गए हैं। इसके अलावा, 860 स्कूल प्रधानाचार्यों को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद और आईआईएम, लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण दिया गया है।
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