नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। किसान संगठनों ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को कृषि कानूनों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के लिए समय देने के बावजूद भेंट नहीं कर अपना वादा नहीं निभाया और गोवा चले गए। हालांकि, राजभवन ने इन दावों से इनकार किया है। आजाद मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए राकांपा अध्यक्ष पवार ने कहा कि कोश्यारी के पास पिछले साल अदाकारा कंगना रनौत से मिलने का समय था लेकिन राज्य के किसानों से मिलने के लिए उनके पास समय नहीं है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा कंगना के कार्यालय परिसर का एक हिस्सा ढहाए जाने के बाद अदाकारा ने राज्यपाल से मुलाकात की थी।
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ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के अध्यक्ष अशोक धवाले ने आरोप लगाया कि कोश्यारी मौज करने के लिए गोवा चले गए और आरोप लगाया कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र के किसानों और श्रमिकों का ‘अपमान’ किया। कोश्यारी गोवा के राज्यपाल की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। गोवा में विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र सोमवार को शुरू हुआ है। मुंबई में राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोश्यारी तय कार्यक्रम के मुताबिक गोवा में हैं। मुंबई में किसानों के प्रदर्शन के पहले ही उनका कार्यक्रम तय हो चुका था।
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राजभवन ने स्पष्ट किया कि संयुक्त शेतकरी मोर्चा के प्रतिनिधियों को पहले ही बता दिया गया था कि राज्यपाल सोमवार को प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं कर पाएंगे क्योंकि वह विधानसभा को संबोधित करने के लिए गोवा में रहेंगे। राजभवन ने एक बयान में कहा कि मोर्चा के प्रतिनिधियों को पहले ही अवगत करा दिया गया था कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास गोवा के राज्यपाल के पद का अतिरिक्त प्रभार है और वह 25 जनवरी को गोवा विधानसभा में संबोधन के कार्यक्रम के कारण किसानों के प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिल पाएंगे।
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राजभवन ने कहा कि मोर्चा के प्रतिनिधि धनंजय शिंदे को कोश्यारी के कार्यक्रम के बारे में 22 जनवरी को अवगत करा दिया गया था। इससे पहले, पवार समेत अन्य नेता दक्षिण मुंबई में आजाद मैदान में रैली में शामिल हुए। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में यह रैली आयोजित की गयी। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और राज्य के कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट, ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला और अन्य ने दक्षिण मुंबई में आजाद मैदान में रैली को संबोधित किया।
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रैली के तुरंत बाद किसानों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन तक एक जुलूस निकाला। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया। धवाले ने कहा कि कोश्यारी के कदम से हैरानी नहीं हुई क्योंकि वह भाजपा के नेता और आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं। धवाले ने कहा कि किसान संगठन नए कानूनों के खिलाफ महाराष्ट्र में हर चौक-चौराहे पर अभियान शुरू करेंगे।
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