नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की आज पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi Death Anniversary 2020) है, 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।
इस मौके पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। बापू की हत्या नाथूराम विनायक गोडसे (Nathuram Godse) ने की थी। गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा से उठ रहे महात्मा गांधी पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पूरा देश में मायूसियत था।
तीन गोली मारकर की थी हत्या राषट्रपिता की हत्या हत्या के समय गोडसे ने बापू के साथ खड़ी महिला को हटाया और अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक बाद के एक तीन गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। नाथूराम गोडसे को महात्मा गांधी की हत्या करने के तुरंत बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
नाथुराम की गिरफ्तारी के बाद उस पर शिमला की अदालत में ट्रायल चला और 8 नवंबर, 1949 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उसे 15 नवंबर, 1949 को फांसी पर चढ़ाया गया था। फांसी से पहले और गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र देवदास गांधी नाथूराम से मिलने पहुंचे थे।
सरदार पटेल भी मुलाकात दरअसल 30 जनवरी को ही गांधी जी ने करीब चार बजे सरदार पटेल से भी मुलाकात की थी और सरदार पटेल की मुलाकात के बाद उन्हें पांच बजे प्रार्थना सभा में शामिल होना था, लेकिन गांधीजी और पटेल के बीच बातचीत पांच बजे के बाद भी जारी रही। पांच बजकर 10 मिनट पर बातचीत खत्महोने के बाद वे प्रार्थना सभा में चले गए, जो 15 मिनट देरी से शुरू हुई थी।
'हे राम' हालांकि, जब गांधी जी प्रार्थना सभा पर उनके आसन तक जा रहे थे तो दोनों तरफ लोग उनका अभिवादन कर रहे थे। उसी वक्त जेब में रिवॉल्वर रखे नाथूराम गोडसे ने पहले गांधी से नमस्कार किया और फिर उनपर गोलियां चला दी। जिसके बाद उनकी मौत हो गई। ऐसा कहा जाता है कि गांधी जी की हत्या के वक्त उन्होंने 'हे राम' कहा था।
नाथूराम गोडसे, महात्मा गांधी के फैसले के खिलाफ था कहा जाता है कि नाथूराम गोडसे, महात्मा गांधी के उस फैसले के खिलाफ था जिसमें वह चाहते थे कि पाकिस्तान को भारत की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए। इसके लिए बापू ने उपवास भी रखा था। उसे यह भी लगता था कि सरकार की मुस्लिमों के प्रति तुष्टीकरण की नीति गांधीजी के कारण है।
लाखों हिन्दुओं की हत्या के लिए महात्मा गांधी को माना था जिम्मेदार नाथूराम गोडसे का मानना था कि भारत के विभाजन और उस समय हुई साम्प्रदायिक हिंसा में लाखों हिन्दुओं की हत्या के लिए महात्मा गांधी जिम्मेदार थे। गोडसे ने दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में बापू की हत्या की थी। 30 जनवरी 1948 की शाम नाथूराम गोडसे बापू के पैर छूने बहाने झुका और फिर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियां दाग कर उनकी हत्या कर दी थी। गांधी जी की हत्या के वक्त उन्होंने 'हे राम' कहा था।
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