नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पश्चिम बंगाल में एक ऑडियो क्लिप जारी होने और उसको लेकर विवाद उत्पन्न होने के दो दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने वास्तव में प्रलय पाल को फोन किया था क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि वह उनसे बात करना चाहते हैं।
बताया जाता है कि इस आडियो क्लिप में कथित रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से एक भाजपा नेता को उन्हें इस सीट से जीतने में मदद करने के लिए मनाती और सहायता मांगती सुनी गई थीं। विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार समाप्त होने से कुछ समय पहले नंदीग्राम के टेंगुआ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि एक उम्मीदवार के रूप में उन्हें एक मतदाता से सम्पर्क करने का पूरा अधिकार है।
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तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘हां मैंने नंदीग्राम में इस भाजपा नेता को फोन किया था। मुझे यह जानकारी मिली थी कि कोई मुझसे बात करना चाहता है। इसलिए मैंने उनका नंबर मिलने के बाद उनसे बात की थी। मैंने उनसे कहा कि वह अपना ध्यान रखें, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मेरा क्या अपराध है?’ बनर्जी ने कहा, ‘निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार के रूप में मैं किसी भी मतदाता की मदद मांग सकती हूं, मैं किसी को भी फोन कर सकती हूं। इसमें कोई बुराई नहीं है, यह कोई अपराध नहीं है।’
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बनर्जी ने कहा, ‘अगर कोई बातचीत को वायरल करता है तो यह एक अपराध है। मेरी बातचीत को वायरल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, न कि मेरे खिलाफ।’’ उन्होंने कहा कि वह भविष्य में भी इसी तरह से लोगों को फोन करती रहेंगी। उन्होंने याद किया कि अतीत में वह पार्टी आधार पर भेदभाव किये बिना लोगों और यहां तक कि विपक्षी विधायकों से भी सम्पर्क कर चुकी हैं जिन्होंने उनकी मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि कभी- कभी वह उन्हें वापस कॉल करके सम्पर्क करती थीं ताकि क्या कार्रवाई हुई यह पता कर सकें और उन्होंने इसकी परवाह नहीं की कि वह वायरल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातचीत को वायरल करने से विश्वास टूटता है।
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शनिवार को 30 सीटों के लिए हुए मतदान के बीच भाजपा ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया जिसमें कथित रूप से बनर्जी नंदीग्राम से एक भाजपा नेता को फिर से तृणमूल में शामिल होने और उन्हें जीतने में मदद करने के लिए मनाती सुनाई दे रही हैं। इस ऑडियो क्लिप से राज्य में नया विवाद खड़ा हो गया था।
आडियो क्लिप में बनर्जी पाल से कहती सुनी गई थीं, ‘आपको नंदीग्राम में जीत दर्ज करने में हमारी मदद करनी चाहिए। देखिए, मैं जानती हूं कि आपको कुछ शिकायतें हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर शिकायतें अधिकारी परिवार के कारण हैं, जिसने मुझे कभी नंदीग्राम नहीं आने दिया। मैं आगे से हर बात का खयाल रखूंगी।’
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शुभेंदू अधिकारी परिवार का जिले में काफी प्रभाव है। ऑडियो क्लिप में पाल कथित रूप से कह रहे हैं, ‘दीदी, आपने मुझे फोन किया, जो कि मेरे लिए सम्मान की बात है, लेकिन मैं अधिकारी परिवार को धोखा नहीं दे सकता, क्योंकि उसने हर मुश्किल समय में मेरा साथ दिया है।’ उन्होंने बाद में टीवी समाचार चैनलों से कहा था कि बनर्जी ने उन्हें फोन किया था और उनसे टीएमसी में लौटने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
पाल ने कहा, ‘मैं अब भाजपा के लिए काम कर रहा हूं और उनके साथ विश्वासघात नहीं कर सकता।’ भाजपा महासचिव एवं पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और ऑडियो टेप सौंपा था। उन्होंने दावा किया कि बनर्जी विधानसभा चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के लिए अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल कर रही हैं।
सत्तारूढ़ टीएमसी ने शुरुआत में ऑडियो टेप की वास्तविकता पर सवाल उठाया था, लेकिन बाद में इस बात पर जोर दिया था कि चूंकि पाल एक पूर्व टीएमसी नेता हैं, जो भाजपा में शामिल हो गए हैं इसलिए उन्हें वापस लाने की बनर्जी की कोशिश में कुछ भी गलत नहीं था। हाई- प्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर मतदान दूसरे चरण में 1 अप्रैल को होगा।
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