Saturday, Mar 25, 2023
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manish kumar becomes the first person to receive covid-19 vaccine at aiims pragnt

जानिए कौन हैं मनीष कुमार जो बने कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले पहले भारतीय

  • Updated on 1/16/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ आज से कोरोना टीकाकरण (Vaccination) अभियान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण बताया है। इस वैक्सीनेशन की शुरुआत दिल्ली (Delhi) स्थित एम्स अस्पताल से हुई। यहां सैनिटेशन डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी को पहला कोरोना का टीका लगाया गया। इसके बाद वह कोरोना का टीका लगाने वाले देश के पहले नागरिक बन गए हैं।

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AIIMS के कर्मचारी को लगा देश का पहला कोरोना टीका
कोरोना वायरस के खिलाफ देश का सबसे पहला टीका दिल्ली एम्स (AIIMS) में मनीष कुमार (Manish Kumar) नाम के एक सफाई कर्मचारी को लगाया गया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर वैक्सीन का स्वागत किया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) और एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) भी मौजूद रहे। इसके साथ ही मनीष कुमार देश में कोरोना का वैक्सीन लगवाने वाले पहले नागरिक बन गए हैं। उनके बाद एम्स के सीनियर डॉक्टर्स भी कोरोना का टीका लगवा रहे हैं। इसमें एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी शामिल थे।

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मनीष कुमार ने बताया अपना अनुभव
एम्स में वैक्सीन लगवाने वाले पहले सफाई कर्मचारी मनीष कुमार ने कहा, 'मेरा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है, वैक्सीन लगने से मुझे कोई झिझक नहीं होगी और मैं अपने देश की और सेवा करता रहूंगा। लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मेरे मन में जो डर था वो भी निकल गया। सबको वैक्सीन लगवानी चाहिए।'

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रणदीप गुलेरिया ने भी लिया कोरोना का टीका
वहीं इसके कुछ ही मिनटों बाद एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया को भी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई। बता दें कि डॉ गुलेरिया देश के टॉप चिकित्सा विशेषज्ञ हैं। डॉ गुलेरिया ने ये वैक्सीन लगवाकर सभी तरह की आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है।

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PM मोदी ने की टीकाकरण अभियान की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और इस दौरान कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है ओर यह भारत के सामथ्र्य को दर्शाता है। टीकाकरण अभियान की शुरुआत से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही इसके उपयोग की अनुमति दी गई है।

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पहले चरण में 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण
उन्होंने कहा, 'इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया। यह अभियान इतना बड़ा है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दुनिया के कई देशों की आबादी तीन करोड़ से कम है और भारत पहले ही चरण में 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।' उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य है, जबकि दुनिया में महज भारत और अमेरिका सहित तीन ही देश ऐसे हैं जिनकी आबादी 30 करोड़ से अधिक है। 

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अफवाहों से बचने की दी सलाह
उन्होंने कहा, 'भारत का टीकाकरण अभियान इतना बड़ा है, यह भारत के सामर्थ्य को दर्शाता है। हमारे वैज्ञानिक विशेषज्ञ जब मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हुए तभी उन्होंने इसके उपयोग की अनुमति दी।' उन्होंने देशवासियों से टीकाकरण को लेकर अफवाहों से बचने की भी सलाह दी। मोदी ने कहा कि भारत के टीके विदेशों की तुलना में बहुत सस्ते हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है।

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कुल 3006 टीकाकरण केंद्र
उन्होंने कहा, 'विदेश में तो कुछ टीके ऐसे हैं जिसकी एक डोज की कीमत 5000 रुपये तक है और उन्हें माइनस 70 डिग्री तापमान में रखा जाता है। भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत की परिस्थितियों के अनुरूप हैं।' संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुरुआत की। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 केंद्र आपस में जुडें। ज्ञात हो कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यर्किमयों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी। 

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