Friday, Sep 22, 2023
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many events will be organized on the completion of 70 years of india-japan diplomatic relations

भारत जापान राजनैयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने पर आयोजित होंगे कई कार्यक्रम : तागा

  • Updated on 4/29/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत जापान के राजनैयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वीरवार को इंडो जापान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(आईजेसीसीआई) व टोक्यो में भारतीय दूतावास के संयुक्त तत्वावधान में एक वेबिनार ‘रेमिनाइजिंग 70 इयर्स ऑफ इंडिया जापान डिप्लोमेटिक रिलेशंस एंड लुकिंग बियांड’ का आयोजन किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रशासनिक अधिकारी गोपाल कृष्ण गांधी ने बुद्धिज्म से लेकर गुरु रबिंद्रनाथ टैगोर तक भारत जापान संबंधों का परिचय दिया।

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बौद्धिज्म था भारत जापान संबंधों का पहला वैचारिक मिलाप : गोपालकृष्ण गांधी
उन्होंने कहा जापान मेंचीन और जापान से होते हुए शाक्य मुनि गौतम बुद्ध के विचार-संदेश पहुंचे। जिसके बाद जापान बोधिसत्व के निकट आया। ये भारत का जापान से पहला वैचारिक मिलाप था। जिसके बाद तमाम लोग जापान गए जिनमें गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने जापानी लोगों को बहुत प्रभावित किया। चेन्नई में जापान के महावाणिज्य दूतावास से कांसुलेट जनरल मासायुकी तागा ने कहा कि 28 अप्रैल 1952 को भारत ने जापान के साथ राजनैयिक संबंधों की शुरूआत की थी।

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इससे पहले सदियों से भारत जापान के बीच संबंध महान बौद्ध के कारण स्थापित रहे
लेकिन इससे पहले सदियों से भारत जापान के बीच संबंध महान बौद्ध के कारण स्थापित रहे। भारत और जापान के रिश्तों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर जापान इस वर्ष कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। जिसमें भारत के लोग जापान और जापान के लोग भारत आकर वैचारिक आदान प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा के वक्तव्य को दूतावास अधिकारी मयंक जोशी ने पढ़ा। जिसमें वर्मा ने कहा कि भारत और जापान बुद्धिज्म और व्यापार के जरिए जुड़े हैं।

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भारत जापान की सभ्यताएं सदियों से जुड़ी हुई हैं : श्रीधर
वर्मा ने कहा कि साइबर सिक्यूरिटी, आईसीटी, स्पेस, सिविल न्यूक्लियर कार्पोरेशन और उर्जा, रक्षा, रेल, सुरक्षा, व्यापार और निवेश, विज्ञान और तकनीकि, शिक्षा, संस्कृति, मानव संसाधन के क्षेत्र में भारत और जापान मिलकर काम कर रहे हैं। जापान भारत में निवेश करने का 5वां सबसे बड़ा सोर्स है। आईजेसीसीआई के सेक्रेटरी डॉ. श्रीधर कृष्णास्वामी ने कहा कि भारत और जापान की सभ्यताओं का सदियों से जुड़ाव रहा है। कार्यक्रम में आईजेसीसीआई के प्रेसीडेंट टीपी इम्बीचम्मद ने स्वागत वक्तव्य दिया। कार्यक्रम में आईजेसीसीआई की सेक्रटरी जनरल सुगना रामामूर्ति ने कन्वीनर की भूमिका अदा की।

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