नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 60 हजार के करीब जा पहुंचा है। वहीँ मरीजों की रिकवरी रेट में सुधार आया है जो राहत की बात है।
बढ़ते मामलों और मरीजों की तीमारदारी में आती परेशानियों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने की नीतियों में बदलाव किए हैं। अब नए नियमों के अनुसार, गंभीर मरीजों को भी अस्पताल से जाने से पहले आरटी-पीसीआर टेस्टिंग से गुजरना होगा।
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ये हैं नए नियम - गंभीर मरीजों को अस्पताल से जाने से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा
- कम गंभीर और हल्के मामलों में मरीज को 10 दिनों में छुट्टी दी जाएगी, और उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं होगा।
- मरीजों का पहले 24 घंटों में अगर दो बार टेस्ट निगेटिव आजायेगा तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया किया जाता था। लेकिन अब गंभीर मरीजों का भी अगर एक टेस्ट निगेटिव आया तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
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वहीँ, स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है... 1- हल्के या आशंका/बहुत हल्के मामले 2- हल्के से थोड़े गंभीर मामले 3- गंभीर मामले
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हल्के या बहुत हल्के मामले ये वो मामले हैं जिनमें लक्षण आने के 10 दिन बाद तक और भर्ती होने के 3 दिनों में भी अगर बुखार न हो तो उनको बिना किसी आरटी-पीसीआर टेस्ट किए ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।
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हल्के से थोड़े गंभीर मामले इसमें भी दो तरह की केटेगरी शामिल हैं। 1- अगर बुखार शुरू के 3 दिनों में ठीक हो गया हो और अगले 4 दिनों तक अगर ऑक्सीजन सपोर्ट देने की आवश्यकता न पड़े, तो ऐसे में अगर कोरोना के लक्षण आने के 10 दिन बाद बिना किसी आरटी-पीसीआर टेस्ट किए छुट्टी दी जा सकती है। लेकिन यहां यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मरीज को छुट्टी देने से पहले बुखार न हो, उसे सांस लेने में दिक्कत न हो रही हो और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की ज़रूरत न हो।
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2- अगर मरीज का बुखार तीन दिनों में न जाये और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत हो तो ऐसे मरीज को ये सभी लक्षण खत्म होने पर और आगमी 3 दिनों तक अगर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की लगातार आवश्यकता न लगे तभी उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा सकेगी। ऐसे मरीजों को भी डिस्चार्ज से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट की आवश्यकता नहीं होगी।
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ताजा हालात को देखते हुए दरअसल, तेजी से बढ़ते मामलों के कारण भारत में अस्पतालों के हालात ठीक नहीं है। काफी भीड़ होने और पर्याप्त सुविधाएं न मिल पाने के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय को ये कदम उठाने पड़े हैं। बीते दिन ही स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि अब कोरोना वायरस के साथ रहने की आदत डालनी होगी और आगामी दिनों में मामले तेजी से बढ़ने की आशंका भी जताई गई है। ऐसे में नए मरीजों के लिए जगह बनाना बेहद जरुरी हो गया था।
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