Sunday, Oct 01, 2023
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modi bjp govt special unit income tax department to investigate undeclared foreign assets rkdsnt

मोदी सरकार ने अघोषित विदेशी संपत्ति की जांच के लिए आयकर विभाग में बनाई न्यू स्पेशल यूनिट

  • Updated on 1/10/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र की मोदी सरकार ने आयकर विभाग के देशव्यापी जांच प्रकोष्ठ में एक विशेष इकाई गठित की है। यह इकाई भारतीय नागरिकों द्वारा विदेशों में रखी गयी अघोषित संपत्ति और कालाधन रखने से जुड़े मामलों की जांच पर ध्यान देगी। हाल में कर विभाग के देश में विभिन्न भागों में सभी 14 जांच निदेशालयों में विदेशी परिसंपत्ति जांच इकाई (FAIU) का गठन किया गया। इन निदेशालयों का प्राथमिक कार्य छापे मारना और तलाशी लेना है। साथ ही विभिन्न तरीकों से की जाने वाली कर चोरी को रोकने के लिये तौर-तरीके विकसित करना है। 

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एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मंजूरी मिलने के बाद इकाई के गठन के लिए पिछले नवंबर में कर विभाग के कुल 69 मौजूदा पदों को अलग किया। सीबीडीटी आयकर विभाग के लिये नीतियां तैयार करता है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘कर विभाग के विभिन्न जांच निदेशालयों में एक नई इकाई के रूप में एफएआईयू का गठन किया गया है। इसका मकसद विदेशों में भारतीयों द्वारा रखी गयी अघोषित संपत्ति और काले धन से जुड़े मामलों पर ध्यान देना है।’’ 

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उसने कहा, ‘‘भारत ने हाल में कई देशों के साथ संधि की और कुछ के साथ पूर्व में हुए समझौतों में सुधार को लेकर बातचीत की। इसके जरिये देश को बहुत सारे आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि अब हम वैश्विक व्यवस्था से जुड़े हैं जहां कर सूचना का स्वत: आदान-प्रदान एक नियम है।

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अधिक-से-अधिक देश और क्षेत्र कर पारर्दिशता और वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग की समस्या, आतंकवाद को वित्त पोषण और कर चोरी से निपटने के लिये आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा तय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था (प्रोटोकॉल) का अनुपालन कर रहे हैं। 

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उसने कहा कि अवैध तरीके से जमा विदेशी संपत्ति पर लगाम लगाने के लिये कर अधिकारियों के पास विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्रोतों से काफी आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं। इसीलिए सूचना के विश्लेषण को लेकर एक अलग इकाई की जरूरत थी।  भारत को जिन प्रमुख संधियों या स्वत: कर सूचना आदान-प्रदान व्यवस्था के तहत सूचना मिल रही है, उनमें दोहरा कर बचाव संधि (डीटीएए), कर सूचना आदान-प्रदान समझौता (टीआईईए) और हाल में भारत और अमेरिका के बीच हुए विदेशी खाता कर अनुपालन कानून (एफएटीसीए) शामिल हैं।

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