नई दिल्ली/निशांत राघव। नरेंद्र मोदी सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां और योजनाओं को जन-जन के बीच रखने और विपक्षी दावों की हवा निकालने के लिए केंद्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्रियों तक को जिम्मेवारी दी गई है। 30 मई से 30 जून तक यानी अगले एक माह तक विशेष जनसंपर्क अभियान को पुख्ता अंदाज में धार देने के लिए भाजपा ने राष्ट्रीय नेताओं की लंबी फेहरिस्त को तीन श्रेणियों में विभाजित कर दिया है।
इसमें मंत्री, वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ अपनी बातों को प्रभावशाली तरीके से लोगों के बीच रखने वाले स्थानीय नेताओं को भी पहली बार मौका दिया जा रहा है। बताया जाता है कि ए, बी और सी श्रेणी में नेताओं को इस काम के लिए जिम्मेवारी दी गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की इस दौरान 51 रैलियां होंगी। हर लोकसभा क्षेत्र में इस अभियान को मजबूती से चलाया जाएगा। सोमवार को इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यूपी में तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में कमान संभाली। मोदी सरकार की 9 वर्ष की उपलब्धियों का जिक्र किया तो भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार विशेष जनसंपर्क अभियान अगले एक माह तक लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश व तेलंगाना सहित दक्षिण के कई अन्य राज्यों में भी यह सभी अपनी बात को रखेंगे।
माना जा रहा है कि इन सभी कार्यक्रमों के साथ 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी भाजपा तैयारी कर रही है। इसमें मिशन यूपी के तहत राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों को 3-5 लोकसभा सीटों के वर्ग में बांटा गया है। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटें को भी इसी प्रकार से विभाजित किया गया है। नेताओं की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं,ए, बी, और सी श्रेणी हैं। पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता के अनुसार ए श्रेणी में राष्ट्रीय नेताओं को शामिल किया है। जिसमें केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम अथवा वरिष्ठ स्तरीय
नेता शामिल हैं। बी श्रेणी में वरिष्ठ नेता और दूसरे राज्यों के सांसद हैं, इनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अथवा प्रदेश स्तरीय वरिष्ठ पदाधिकारी भी हैं। जबकि सी श्रेणी में स्थानीय नेताओं को और युवा नेताओं को भी रखा गया है।
पार्टी नेता के अनुसार भाजपा आलाकमान पहले से ही लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसने के निर्देश दे चुकी है। यहां तक कि पिछले दिनों दिल्ली के एनडीएमसी सभागार में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर साफतौर पर कार्यकर्ताओं को अपने- अपने इलाके में अभी से जुटने के लिए कहा था।
पार्टी आलाकमान ने लोकसभा चुनाव से पहले संगठन की हर स्तर पर मजबूती के लिए अगले आठ महीने तक मंत्रियों, सांसद, स्थानीय नेताओं व पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर काम करने का निर्देश दिया है। संगठन नेतृत्व ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि हर गांव और बूथ तक के इलाके में भाजपा का झंडा भी हो।
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