Saturday, Apr 01, 2023
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कृषि संबंधी विधेयकों के बचाव में उतरे राजनाथ समेत 5 मंत्री, विपक्ष पर साधा निशाना

  • Updated on 9/20/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राज्यसभा (Rajya Sabha) में कृषि संबंधी दो विधेयकों को पारित किये जाने के दौरान विपक्षी सदस्यों के 'अमर्यादित आचरण' को लेकर केंद्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को उनकी आलोचना करते हुए इसे 'शर्मनाक' और संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व करार दिया। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), प्रकाश जावड़ेकर, प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, थावरचंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधने के लिये यहां एक संवाददाता सम्मेलन किया। सिंह ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं की जाती। 

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सिंह ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ दी, आसन पर मौजूद राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश की डेस्क पर कागज फेंके और आधिकारियों की टेबल पर चढ़ गए। उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। हरिवंश की मूल्यों में आस्था रखने वाले व्यक्ति के तौर पर प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों का उनके प्रति बर्ताव अभूतपूर्व था। उन्होंने पूछा, 'अगर विपक्ष सहमत नहीं भी था तो क्या यह उन्हें हिंसक होने, आसन पर हमला करने की अनुमति देता है?'

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कृषि विधेयक के विरोध में भाजपा के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल द्वारा मोदी सरकार छोडऩे के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ फैसलों के पीछे 'राजनीतिक कारण’’ होते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और एपीएमसी जारी रहेंगे। यह किसी भी कीमत पर कभी नहीं हटाए जाएंगे।’’ 

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गतिरोध की वजह से कुछ देर के लिये ऊपरी सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। हालांकि वहां ध्वनि मत से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवद्र्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को पारित कर दिया गया। लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिये भेजा जाएगा।

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