Thursday, Mar 30, 2023
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money released for amrapali''''s stalled projects, dhoni goes to court rkdsnt

आम्रपाली की अटकी परियोजनाओं के लिए रुपये जारी, धोनी कोर्ट गए

  • Updated on 4/25/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय को सोमवार को सूचित किया गया कि सात बैंकों के समूह ने आम्रपाली की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये 280 करोड़ रुपये जारी किये हैं। इस बीच, रियल एस्टेट समूह के ब्रांड एम्बैसडर रहे क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी ने शीर्ष अदालत में अर्जी लगाकर जारी मध्यस्थता कार्यवाही में निर्देश देने का आग्रह किया। 

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न्यायाधीश यू यू ललित और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बैंकों के समूह की तरफ से पेश अधिवक्ता आलोक कुमार की बातों को संज्ञान में लिया। उन्होंने कहा कि 280 करोड़ रुपये आम्रपाली अटकी परियोजनाएं तथा निवेश पुर्निनर्माण प्रतिष्ठान (एएसपीआईआरई) के लिये जारी किये गये हैं। इसका उपयोग फंसी पड़ी परियोजनाओं के वित्तपोषण में किया जाएगा। कुमार ने न्यायालय से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इस राशि का उपयोग उन परियोजनाओं के लिये हो, जिसके लिये यह है। किसी अन्य काम में इसका उपयोग नहीं हो।  

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    पीठ ने उन्हें आश्वस्त किया कि कोष का उपयोग उन अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में किया जाएगा, जिन्हें चिन्हित किया गया है और व्यावहार्यता अध्ययन किये गये हैं। धोनी की तरफ से पेश अधिवक्ता उद्धव नंदा ने कहा कि उन्होंने मामले में हस्तक्षेप याचिका देकर रियल एस्टेट समूह के मामले में जारी मध्यस्थता कार्यवाही में निर्देश देने का आग्रह किया है।  

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     हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस प्रकार की मध्यस्थता कार्यवाही या निर्देश की न्यायालय से जरूरत है।     पीठ ने कहा कि वह धोनी की याचिका पर नौ मई को सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से आम्रपाली समूह के पूर्व निदेशक अनिल कुमार शर्मा को विभिन्न अदालतों में पेश करने को लेकर कार्यक्रम तैयार करने को कहा। न्यायालय ने यह भी कहा कि उन्हें वीडियो कॉफ्रेन्स के जरिये पेश किये जाने के प्रयास भी किये जा सकते हैं।     

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शर्मा की तरफ से पेश मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल को लखनऊ स्थित विशेष पीएमएलए (मनी लांङ्क्षड्रग निरोधक कानून) अदालत में पेश किया गया था।  सिंह ने कहा, ‘‘उन्हें एम्स (अखिल भारतीय आयुॢवज्ञान संस्थान) में लेजर उपचार के लिये जाना था लेकिन लखनऊ अदालत ने उन्हें वहां न्यायिक हिरासत में भेज दिया और उन्हें दिल्ली लाने की अनुमति नहीं दी, जहां उनका इलाज चल रहा है।’’  इस पर, पीठ ने जैन से शर्मा की दिल्ली की विभिन्न अदालतों के साथ लखनऊ में पेशी के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने को कहा। न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक साथ पेशी से जुड़ी कोई समस्या नहीं हो।      

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