नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। नए कृषि कानून (New Farm Law) के विरोध में 33 दिनों से किसान टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर आंदोलन कर रहें हैं, किसान आंदोलन का असर कई तरह से देखा जा रहा है, वहीं पंजाब में मोबाइल टावरों पर पड़ भी इसका प्रभाव दिखा। जानकारी के मुताबिक अबतक राज्य में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है, जबकि कई मोबाइल टावरों की बिजली काट दी गई और कई जगह तार के बंडल जला दिए गए। किसानों पर रिलायंस पेट्रोल पंप, रिलायंस रिटेल पर अपना गुस्सा उतारने का आरोप लगा था।
Punjab: Locals of Ekta Nagar near Moga vandalised a mobile tower in support of farmers protesting against Centre's farm laws, last night. Police say, "We are verifying facts of the incident. The farmers have condemned this act. They are not supporting such actions." pic.twitter.com/rHRm5UUMJU — ANI (@ANI) December 28, 2020
Punjab: Locals of Ekta Nagar near Moga vandalised a mobile tower in support of farmers protesting against Centre's farm laws, last night. Police say, "We are verifying facts of the incident. The farmers have condemned this act. They are not supporting such actions." pic.twitter.com/rHRm5UUMJU
नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और उनके सहयोगी मोबाइल टावरों को तवाह कर रहे हैं। पंजाब में पिछले कुछ दिनों में मोबाइल टावर की पावर काटने और बिजली के तार काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
मोबाइल टावरों को नुकसान माना जा रहा है कि नए कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा फायदा उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की फर्मों को होगा, ऐसे में धारना है कि किसान इन कंपनियों के संसाधनों पर ही अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शनिवार तक 1411 मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया था और सोमवार को ये आंकड़ा बढ़कर 1500 से पार हो गया।
पंजाब के जालंधर में जियो की तारों का जला दिया गया, राज्य में जियो के 9000 मोबाइल टावर हैं और ज्यादातर टावरों की पावर सप्लाई को बंद किया जा रहा है वहीं एक जगह पर तो कुछ लोग मोबाइल टावर के लिए लगे जेनेरेटर को भी खींच कर ले गए।
क्षतिग्रस्त टावरों की संख्या 1504 सरकारी सूत्रों ने बताया कि अबतक 433 मोबाइल टावरों की मरम्मत भी कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक तीन दिन में क्षतिग्रस्त मोबाइल टावरों की संख्या दोगुनी हो गई। 25 दिसंबर को क्षतिग्रस्त टावरों की संख्या 700 थी, अब ये संख्या बढ़कर 1504 हो गई है।
इस घटना पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में अराजकता या किसी निजी या सार्वजनिक संपत्ति के विनाश को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर रोक नहीं है, लेकिन संपत्ति के नुकसान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करेगी।
बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वालो के परेशानी बता दें कि राज्य में तोड़-फोड़ के बाद संचार सेवाओं पर इसका असर पड़ा है, कई जगह फोन सेवाएं बाधित हुई हैं। सीएम अमरिंदर ने कहा कि संचार साधनों को नुकसान पहुंचाना छात्रों, खासकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले और कोविड महामारी के बीच कारण घर से काम करने वाले पेशेवरों के लिए नुकसानदायक होगा।
बता दें कि दिल्ली बॉर्डर पर पंजाब-हरियाणा ही नहीं बल्कि हरेक प्रदेश के किसान इकट्ठा हुए हैं। ऐसे में जब सभी प्रांतों के किसान भाई यहां मौजूद हैं तो इस मौके को क्यों छोडा जाए। पता नहीं फिर कब ऐसा किसानों का समागम देखने को मिलेगा। इसलिए इस बार यदि केंद्र सरकार नए साल से पहले नहीं मानी तो किसान यहां खुशी-खुशी नया साल भी मनाएंगें और मकर संक्राति और लोहडी भी। हमें अपने भगवान पर पूरा विश्वास है कि वो हमारी मेहनत को सफल जरूर करेगें और किसान एक नया अध्याय लिखेंगे।
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