नई दिल्ली/टीम डिजिटल। गणतंत्र दिवस (Republic Day) को ट्रैक्टर रैली की आड़ में हुई हिंसा (Tractor rally Violence) में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिनमें से 45 ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली उपद्रव में तब्दील हुई और प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। कई स्थानों पर पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़पें हुईं। कई स्थानों पर तलावार लेकर प्रदर्शनकारी पुलिस के पीछे भागते नजर आए। वहीं लाल किले का जो वीडियो सामने आया है उसमें पुलिस वाले दीवार से गिरते नजर आ रहे हैं। लाल किले पर पहुंचे हुड़दंगियों को रोकने में ही करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और सड़कों पर घंटों ट्रैक्टरों से स्टंट किए। नांगलोई, अक्षरधाम, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, पीरागढ़ी, अप्सरा बॉर्डर, मुकरबा चौक, आजादपुर मेट्रो स्टेशन के पास हिंसा हुई और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।
आचार्य प्रमोद का तंज- लाल किले का इतना “अपमान” तो किसी “कमजोर” PM के दौर में भी नहीं हुआ
इन स्थानों पर हुआ लाठी चार्ज बिगड़े हालात को देखते हुए अक्षरधाम, आईटीओ, नागलोई, पीरागढ़ी, सिंघु बॉर्डर, अप्सरा बॉर्डर, मुकरबा चौक, आजादपुर मेट्रो स्टेशन के पास पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। घटना में अब तक 83 किसान और 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक किसान उत्तराखंड निवासी रणवीर की डीडीयू मार्ग पर स्टंट करने के दौरान ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई।
लाल किले के हुड़दंग में 40 पुलिसकर्मी घायल करीब 1:30 बजे तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन आईटीओ पुलिस हेड क्वार्टर से शुरू हुए हंगामे के बाद हजारों की संख्या में लोग चांदनी चौक और सिविल लाइन के रास्ते लाल किले पर पहुंचे और एकाएक उसके दरवाजे की एंट्री पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। इसमें से कुछ पैदल, कुछ ट्रैक्टर और यहां तक कि कुछ घोड़ों पर सवार होकर वहां पहुंचे थे। जिसके बाद हजारों की संख्या में किसान लाल किले की दीवारों पर चढ़ गए और उसे अपने कब्जे में ले लिया।
किसान ध्वज स्तंभ पर भी चढ़ गए। इसी बीच एक युवक ने लाल किले में ध्वज स्तंभ पर एक त्रिकोण आकार का झंडा फहरा दिया। पुलिस के अधिकारी और पैरामिलिट्री फोर्स मौके पर पहुंची और किसानों को हटाने की कोशिश की तभी हंगामा शुरू हो गया हो गया। मौके पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग किया गया। इस मौके पर पुलिस और किसानों की भिड़ंत में 40 से अधिक पुलिसकर्मी और 15 से ज्यादा किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
हिंसा से आहत संयुक्त किसान मोर्चा ने तत्काल प्रभाव से किसान ट्रैक्टर परेड वापस ली
37 शर्तों में से एक का भी किसानों ने नहीं किया पालन- दिल्ली पुलिस स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने आंतरिक सुरक्षा पर बैठक की जिसमें गृह सचिव अजय भल्ला, पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव भी मौजूद थे। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने रैली निकालने नहीं दी। वहीं पुलिस ने कहा है कि किसानों ने उनके विश्वास को तोड़ा और तय 37 शर्तों में से एक का भी पालन नहीं किया। पूरी घटना को लेकर अब तक 15 एफ आई आर दर्ज की गई है। राजधानी दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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