नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस चमगादड़ से ही इंसान में आया इस बात को लेकर कई शोध हमारे सामने हैं। हालांकि इस बारे में यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि यह वायरस चमगादड़ खाने से फैला था या नहीं! लेकिन यह बात अब साफ़ ही चुकी है कि चमगादड़ में कोरोना वायरस था और उसी से इंसान में फैला।
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इसके आगे भी अब शोधकर्ता लगातार खोज करने में जुटे हैं। शोधकर्ता जानना चाहते हैं कि चमगादड़ से और कौनसे वायरस फैल सकते हैं। ये जानकारियां इस लिए भी जरूरी है ताकि भविष्य में इनसे बचा जा सके। जानकारों की माने तो अब तक चमगादड़ों की बस्ती और गुफाओं से 500 से ज्यादा खतरनाक वायरसों को तलाश किया जा चुका है।
गुफाओं से सैंपल एक खबर के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन के यूनन प्रांत में स्थित चूना पत्थर की गुफाओं में चमगादड़ों के थूक, जालों और खून का सैंपल लेने के लिए वैज्ञानिकों का एक दल विशेष सुरक्षा सूट पहनकर वहां पहुंचा। यहां से वैज्ञानिकों ने कई नमूने लिए और अब उनका टेस्ट किया जायेगा।
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एनजीओ करते हैं मदद इस कार्य में अमेरिकी एनजीओ इकोहेल्थ एलाइंस इन वायरसों को तलाशने में मदद कर रहा है। वहीँ, इस एनजीओ से जुड़े वैज्ञानिक पीटर दासजाक एक वायरस खोज निकालने वाले एक्सपर्ट हैं। उन्होंने 10 वर्षों में 20 से ज्यादा देशों में खतरनाक वायरसों की खोज की है।
उनके जैसे ही कई दूसरे वैज्ञानिक भी है जो जानवरों में पाए जाने वाले हर तरह के वायरस की जानकारी मुहैया कराते हैं। इन खोजों का सीधा सम्बंध इंसानों से है इसलिए ये खोज करना महत्वपूर्ण है ताकि आगे आने वाली मुश्किल महामारियों से बचाव के लिए विकल्प तैयार कर लिए जाएं।
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वुहान से फैला था संक्रमण कोरोना जब दुनिया में फैला तो इस वायरस का पता लगाने के लिए वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी के विरोलॉजिस्ट शी जेंगली ने इस वायरस का मिलान खोजा जो उनकी पुरानी लाइब्रेरी से मिला। इस मिलान में पता चला कि कोरोना वायरस यूनान की गुफाओं में 2013 में मिले नमूनों से 96.2 फीसदी मेल खाता है। इसी तरह इक्कठा किए जा रहे सैंपल को भी जांचा जायेगा और भविष्य के लिए तैयारियां की जाएगीं।
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वायरस के वाहक दुनिया में चमगादड़ को कोरोना का वाहक माना जाता है लेकिन सच यह भी है कि इसके कई जानवर वाहक हो सकते हैं। बताया जाता है कि ऐसे वायरस पालतू जानवरों में ज्यादा देखे जाते हैं। जो इंसान के करीब होते हैं।
जैसे- बिल्ली, ऊंट,पैंगोलिन और अन्य स्तनपायी जानवरों में यह मिल सकते हैं। वहीँ, चमगादड़ को लेकर नेचर मैगज़ीन में कहा गया है कि चमगादड़ों में बड़ी संख्या में घातक वायरस होते हैं जो इबोला, सार्स और कोविड-19 जैसी महामारियों का कारण बनते हैं।
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