Saturday, Apr 01, 2023
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आर्थिक सर्वेक्षण में चौंकाने वाला खुलासा- दिल्ली में 1 हजार की आबादी पर 600 से ज्यादा वाहन

  • Updated on 3/9/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। प्रदूषण (Pollution) से दम तोड़ती दिल्ली को बचाने के लिए सरकारें लगातार अपने प्रयासों का बखान कर रही हैं। दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे सराहनीय कदम भी उठाए गए हैं, इसके बावजूद दिल्ली की सांस फूल रही है। दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण में इस बार एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

दिल्ली के प्रदूषण का बड़ा कारण यहां पर निजी वाहनों की संख्या बेतहाशा बढ़ना है। आर्थिक सर्वेक्षण में पता चला है कि दिल्ली में चलने वाले निजी वाहनों की संख्या कुल वाहनों की संख्या का 94.78 प्रतिशत बैठती है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन आंकड़ों को सोमवार के दिन दिल्ली विधानसभा में पेश किया। 

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15 साल में दो गुनी हुई वाहनों की संख्या
आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आया कि साल 2015-16 के बाद पहली बार दिल्ली में 2019-20 में वाहनों की वृद्धि दर में बढ़ोतरी देखने को मिली। साल 2015-16 में बीते 15 सालों की वहान वृद्धि दर सबसे अधिक 9.94 फीसदी दर्ज की गई। हालांकि सचाल 2018-19 में इसमें गिरावट आई और ये घटकर 3.96 फीसदी हो गई। वहीं अलगे ही साल ये फिर बढ़कर 4.40 प्रतिशत पर पहुंची। 

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2005-06 में थे इतने वाहन
साल 2005-06 में प्रति हजार की आबादी पर वाहनों की संख्या 317 थी जो अब बढ़कर 643 हो गई है। बीते 15 सालों में यह संख्या बढ़कर सीधे दो गुनी हुई है। ये आंकड़े एक ओर आर्थिक विकास की ओर तो इशारा करते हैं लेकिन दिल्ली में प्रदूषण का कारण किस प्रकार से 15 सालों में दो गुना हुआ है उसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती हैे। 31 मार्च 202 तक दिल्ली में वाहनों की संख्या 118.95 लाख थी। जिसमं 66.93 प्रतिशत दुपहिया वहानं और 27.85 प्रतिशत कार और अन्य चार पहिया वाहन हैं। 

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