नई दिल्ली/श्वेता यादव। राजनीति में सियासी बयानबाजी और छींटाकशी की होड़ इतनी बुरी है कि राजनेता अक्सर अपने पद और ओहदे की सीमा तक लांघ जाते हैं। इन सबके बीच धर्म-जाति को खींचने से लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी तक की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विवादित बयान देने वाले कांग्रेस के निलंबित वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर एक बार फिर विवादों में घिर गए है। कराची में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की नीतियों की तारीफ की और भारतीय नीतियों को लेकर दुख जताया है जिसके बाद वो सबके निशाने पर आ गए हैं।
ये पहली बार नहीं है कि किसी नेता ने ऐसी बेतुके बयान दिए हो। ये फेहरिस्त बहुत लंबी है। आएये जानते हैं कौन से हैं वो बयानबाज नेता जो अपने काम से ज्यादा बयानों से सियासत चमकातें आए हैं। ये रही लिस्ट:
मणिशंकर अय्यर
कराची में एक कार्यक्रम ही नहीं बल्कि गुजरात चुनावों में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर बयानबाजी में सबसे आगे थे। मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को नीच कह दिया जिसके बाद खूब बवाल हुआ। 'एक व्यक्ति जोकि लगातार अंबेडकर व नेहरूजी के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। उस परिवार के बारे में गलत बात करना, मुझे लगता है कि ये नीच आदमी है, उसे बात करने की तमीज नहीं है, इस समय में इस तरह की बात करने की क्या जरूरत थी। ' लेकिन इसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया।
साक्षी महाराज
वैसे तो बयानबाजी और तंजबाजी में कोई भी पार्टी पीछे नहीं रही लेकिन इसमें बीजेपी के नेता रेस में आगे निकल गए। सबसे पहले बात करें साक्षी महाराज की जिनके बयानों के बिना सियासत कई बार पूरी नहीं होती। बीजेपी के सबसे विवादित नेता उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज एक बार फिर चर्चा में आ गए। मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए बयान दिया कि 'देश की आबादी हिंदुओं की वजह से नहीं बढ़ रही है, ये कुछ समुदाय के लोगों के कारण बढ़ रही है जो चार पत्नी रखते हैं और 40 बच्चे पैदा करते हैं।' उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले साक्षी महाराज ने यह बयान दिया था जिसके बाद खूब विवाद हुआ।
विनय कटियार
वहीं विवादों से चोली दामन का साथ रखने वाले विनय कटियार भी पीछे नही रहे। कटियार ने प्रियंका गांधी पर सीधे टिप्पणी करते हुए कहा कि 'प्रियंका गांधी से बहुत सी सुंदर महिलाएं हैं जो स्टार प्रचारक हैं।' उनके इस बयान पर कांग्रेसी खूब बरसे। उन्होंने यह बयान उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दिया था। इसके बाद ताजमहल को 'तेजोमहालय' बताते हुए भगवान शिव का मंदिर बताया और खूब विवाद हुआ।
शरद यादव
इसके बाद जनता दल के पूर्व नेता शरद यादव भी 'बेटी की इज्जत से भी वोट की इज्जत बड़ी है, बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव और मोहल्ले की इज्जत जाएगी, लेकिन वोट एक बार बिक गया तो देश की इज्जत और आने वाला सपना पूरा नहीं हो सकता है।' बोलकर विवादों से घिर गए।
दयाशंकर सिंह
इसके बाद लिस्ट में नाम आता है बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह का जिन्होंने बसपा सुप्रीमों को वेश्या बताते हुए कहा कि 'एक वेश्या से भी बदतर चरित्र की आज मायावती जी हो गईं हैं, इसलिए काशीराम के बनाए कार्यकर्ता उनका साथ छोड़कर जा रहे हैं और बसपा समाप्त हो रही है। ' जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
संदीप दीक्षित
इसके बाद कांग्रेस नेता और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित आर्मी चीफ बिपिन रावत को 'सड़क का गुंडा' बताकर सुर्खियों में आ गए।
संगीत सोम
वहीं बीजेपी के फायरब्रांड नेता संगीत सोम भी विवादों से घिरे रहे। सोम ने दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को निशाने पर लेते हुए बयान दिया कि 'ताजमहल को देशद्रोहियों ने बनवाया था। साथ ही ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर धब्बा बताते हुए उसे इतिहास में शामिल ना किए जाने की बात कही।' जिसके बाद सोम ऐसे घिरे की खुद ही किरकिरी करवा बैठे।
आजम खां
सोम के बयान को नजरअंदाज करने के बजाय इसपर खूब सियासत हुई। सपा नेता आजम खां इसमें कूद पड़े और बोले की 'मैं पहले से ही ये राय रखता हूं कि गुलामी की उन तमाम निशानियों को मिटा देना चाहिए जिनसे कल के शासकों की बू आती हो, अकेले ताजमहल ही क्यों संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, कुतुब मीनार, लाल किला क्यों नहीं। ये सब गुलामी की निशानी है।' जिसके बाद तो ताजमहल देश की सियासत में रह रहकर शामिल होता रहा और गहमा गहमी बढ़ाता रहा।
योगी आदित्यनाथ
यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी अपनी पद की गरिमा ना बना रख पाए और उनकी जुबान फिसल गई। कर्नाटक में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'कांग्रेस हनुमान की पूजा करने के बजाए टीपू सुल्तान की पूजा करती है। ' जिसके बाद इसपर भी खूब सियायत हुई।
ज्ञानदेव अहूजा
गाय की तस्करी को लेकर राजस्थान के अलवर में बीजेपी के विधायक ज्ञानदेव अहूजा बोल पड़े की 'अगर गाय की तस्करी करते रहोगे तो यूंही मरोगे।' पहले भी अहूजा अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहे हैं।
अनंत कुमार हेगड़े
हाल ही में केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े विवादों से घिर गए। उन्होंने खुद अपनी पार्टी को ही विवादों में डाल दिया। हेगड़े ने कहा कि 'लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है। ये संविधान बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा 'जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वो बिना माता-पिता से जन्म की तरह हैं। अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रह्मण या हिंदू हूं, तो मुझे खुशी महसूस होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं। जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए।' हेगड़े के इस बयान पर खूब सियासत हुई जो अभी भी जारी है।
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