नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मुंडका अग्निकांड के अब तक लापता पीड़ितों के परेशान परिजन रविवार को भी संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के बाहर अपने प्रियजनों का इंतजार करते रहे क्योंकि 19 शवों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। शुक्रवार को चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर आग लगने के कारण 21 महिलाओं समेत 27 लोगों की मौत हो गई। 19 लोग अभी लापता हैं और उनके जिंदा बचने की उम्मीद बहुत कम है। राजेश कुमार की बहनें लापता हैं। उन्होंने कहा कि वह बहनों की पहचान नहीं कर सके क्योंकि शव बुरी तरह से जल गए हैं। उन्होंने कहा कि वे अब भी डीएनए परीक्षण के अनुरोध पर अस्पताल से प्रतिक्रिया मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मुंडका आग्निकांड : मौतों के लिए AAP ने BJP को ठहराया जिम्मेदार
राजेश ने कहा,‘‘मेरी तीन बहनें हैं और सभी लापता हैं। हमने अस्पताल से डीएनए परीक्षण करने का अनुरोध किया है और अभी उनकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मेरी बहनें कैमरा पैकेजिंग विभाग में काम करती थीं। शाम के साढ़े चार बज रहे थे जब मुझे मेरे पिता का फोन आया और उन्होंने मुंडका में आग लगने की घटना के बारे में सूचना दी।’’ उन्होंने कहा कि वह घबरा गए और शहर के चारों ओर सभी सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने लगे ताकि पता चल सके क्या उनकी बहनें वहां भर्ती हैं। उन्होंने कहा, च्च्हमने कल रात से हर सरकारी अस्पताल का चक्कर लगाया। अंत में एक अस्पताल ने हमें बताया कि शवों को संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। शव पहचान के बाहर हैं।’’ अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए राजेश ने कहा कि शवों को‘‘अपमानजनक तरीके से‘’अस्पताल लाया गया था।
सर्वेक्षण के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
उन्होंने कहा, च्च्वे (अधिकारी) शवों को इस तरह से लाए जैसे उन्होंने कचरा इक_ा किया हो। क्या उन्हें लगता है कि वह मर चुके हैं, सिर्फ इसलिए उन लोगों की कोई गरिमा नहीं बची है? उन्होंने हमें शवों की पहचान करने के लिए बुलाया लेकिन एक बैग में दो से तीन जले हुए शव भरे हुए हैं। राजेश ने पूछा कि इस तरह से हम अपने परिवार के सदस्यों की पहचान कैसे कर सकते हैं?’’ दो भाई महिपाल कुमार और सुरेंद्र कुमार, जिनकी बेटियां लापता हैं, शव वापस लेने के लिए अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर इंतजार कर रहे थे। महिपाल ने कहा कि हम कल रात से यहां इंतकाार कर रहे हैं। मेरी बेटी ने मुझे शुक्रवार को फोन किया था जब इमारत में आग लग गई थी। वह घबरा रही थी और आखिरी बार मैंने उसकी आवाका सुनी थी। महिपाल ने कहा कि वे अस्पताल से बेटी के शव की पहचान करने और अंतिम संस्कार के लिए सौंपने का अनुरोध कर रहे हैं।
बिप्लब देब की जगह माणिक साहा होंगे त्रिपुरा के नए सीएम, बैठक में हुई धक्कामुक्की
सुरेंद्र कुमार इसलिए दुखी थे क्योंकि वह अपनी बेटी से आखिरी बार बात तक नहीं कर सके। उन्होंने कहा, च्च्वह कैमरा विभाग में काम करती थी। उसके शव की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। काश मैं उससे आखिरी बार बात कर पाता।’’ रानी खेड़ा मोहल्ले की रहने वाली नफीसा ने अपनी एक रिश्तेदार के शव की शिनाख्त के लिए घंटों इंतजार किया। उन्होंने कहा कि शरीर इस हद तक जल चुका है कि वह उसकी पहचान नहीं कर पा रही थीं। राजेश के समान आरोप लगाते हुए नफीसा ने सवाल किया कि‘‘एक बैग में कई जले हुए शव क्यों रखे गए थे। हमें शव की पहचान करने के लिए कहा गया था, लेकिन हम नहीं कर सके। उन्होंने दो से तीन शवों को एक साथ रखा हुआ है। हम उस तरह से कैसे पहचान करेंगे?‘’ नफीसा ने कहा, च्च्उनका शरीर इस हद तक जल गया कि हम उसकी पहचान नहीं कर पा रहे हैं। हमने अस्पताल के कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन वे कह रहे हैं कि इसमें समय लगेगा क्योंकि फोरेंसिक दल शवों की जांच करेगा। हम शुक्रवार की रात से यहां हैं और तब से कुछ भी नहीं खाया है।’’
शरद पवार के बारे में ‘अपमानजनक पोस्ट’ के मामले में मराठी अभिनेत्री गिरफ्तार
PM मोदी कर सकते हैं स्वतंत्रता दिवस पर ‘हील इन इंडिया‘, ‘हील बाय...
भारत दुनिया में पहले पायदान पर आ सकता है, एकजुट होना पड़ेगा :केजरीवाल
विविधता को समेटने के लिए भारत की सराहना करती है दुनिया : भागवत
राज्य सरकारें अपनी राजकोषीय क्षमता से बाहर जाकर ‘मुफ्त सौगात’ न...
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा ने पार्टी में टूट के...
विभाजन पीड़ितों की स्मृति में सेंट्रल पार्क में निकली मौन यात्रा,...
महाराष्ट्र में मंत्रियों के विभागों का आवंटन, फडणवीस को गृह और वित्त...
क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने के शिअद के आरोपों का भाजपा ने किया खंडन...
नयी नीतीश सरकार में कांग्रेस के होंगे तीन मंत्री : कांग्रेस नेता...
दिग्गज शेयर निवेशक राकेश झुनझुनवाला का 62 साल की उम्र में निधन