नई दिल्ली। टीम डिजिटल। नजफगढ़ में बहादुरगढ़-झडौदा रोड पर पिछले 50 सालों से भी ज्यादा समय से सब्जी मंडी चल रही है। यह सब्जी मंडी आस-पास के लगभग 100 गांवों के किसानों के लिए अपनी सब्जियां बेचने का उचित स्थान है। साथ ही दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में सब्जी व फल सप्लाई की मुख्य कड़ी भी नजफगढ़ मंडी है। लेकिन अब मंडी के करीब 2 हजार परिवारों का रोजगार अधर में लटका हुआ है। कोरोना काल से कई बार मंडी को स्थानांतरित किया गया है, जिससे दुकानदारों का रोजगार खतरे में पड़ गया है। जिसके चलते मंडी के दुकानदारों ने अब उपराज्यपाल को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। आईपीयू ने सीईटी के लिए हेल्प डेस्क बनाया कई बार बदला मंडी का स्थान, दुकानदारों ने की हाईकोर्ट में अपील यहां दुकान लगाने वाले दिनेश राठौर ने बताया कि कोरोना काल में 22 अप्रैल 2020 को एसडीएम नजफगढ़ ने इस मंडी को दो जगहों पर शिफ्ट किया। पहला डीटीसी टर्मिनल में सब्जी के थोक व्यापारियों को जगह दी गई व अनाज मंडी के सामने ग्रामसभा की जमीन पर सब्जी के खुदरा दुकानदारों को शिफ्ट किया गया। इसके बाद दोबारा डीएम कापसहेड़ा ने 17 मई 2021 को दोनों जगहों से सब्जी मंडी को हटाकर नजफगढ़ में पुराने ककरौला रोड़ पर जलबोर्ड की जमीन पर शिफ्ट कर दिया। दो महीने बाद यानि 16 जुलाई 2021 को डीएम ने दोबारा जलबोर्ड की जमीन खाली करने के आर्डर किए पर काम करने के लिए कोई भी वैकल्पिक स्थान नहीं बताया। 23 जुलाई 2021 को सब्जी मंडी एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में अपील की कि उन्हें कोई स्थान उपलब्ध करवाया जाए। 9 सितंबर 2021 को हाईकोर्ट ने सभी व्यापारियों को बहादुरगढ़ रोड़ पर जाने का आदेश किया, हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जब सब्जी मंडी वहां शिफ्ट की गई तो पूरी रोड़ जाम हो गई। जिससे हरिदास नगर एसएचओ व टै्रफिक पुलिस ने एसडीएम से मंडी को जलबोर्ड की जमीन पर ले जाने व अन्य कोई दूसरा स्थान उपलब्ध करवाने को कहा। 15 सितंबर को हाईकोर्ट की डबल बैंच में अपील की गई, हाईकोर्ट ने जलबोर्ड की जमीन पर स्टे दिया। जिस पर जलबोर्ड की ओर से कोर्ट में मीटिंग कर समाधान करने का समय मांगा गया। जलबोर्ड के सीईओ ने अन्य विभागों के साथ मीटिंग बुलाई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। 2 मई 2022 को हाईकोर्ट ने माना कि बहादुरगढ़-झडौदा रोड पर जाम होता है इसलिए वहां सब्जी मंडी को शिफ्ट करना संभव नहीं है और जलबोर्ड अन्य स्थान उपलब्ध करवाने पर विचार करे। जिसके बाद 2 जून 2022 को हाईकोर्ट ने जलबोर्ड की जमीन खाली करने और चीफ सेक्रेटरी एनसीटी दिल्ली के साथ मीटिंग कर समाधान करने के ऑर्डर दिए। दिनेश राठौर ने कहा कि करीब 2 हजार परिवार निश्चित स्थान ना मिलने से बुरी तरह मानसिक व आर्थिक दबाव में हैं, जिसके चलते अब हमने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। डीयू के छात्रों को पहली बार मिलेगी दीक्षांत वर्ष में ही प्रिंटेड डिग्री तीन जगहों पर दुकानदारों ने चिन्हित की है मंडी उपराज्यपाल को लिखे पत्र में नजफगढ़ मंडी के थोक व खुदरा फल-सब्जी व्यापारियों ने तीन जगहों को चिन्हित कर वहां मंडी शिफ्ट करने के लिए कहा है। इनमें पहली जगह जलबोर्ड की जमीन के पास खाली पड़ी फ्लड डिपार्टमेंटी की जमीन है। दूसरी सांईं बाबा मंदिर के सामने खाली पड़ी डीडीए की जमीन है व तीसरी अनाज मंडी के सामने ग्रामसभा की जमीन है।
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