नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हम सभी जानते हैं कि स्पेस या चांद पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को अपने विमान में ऐसे टॉयलेट की जरूरत होती है जो कम जगह में, अत्याधुनिक तरीके से लैस, काफी हल्का और बेहतरीन रिसाइकिलिंग वाले फीचर के साथ मिल सके।
ऐसे ही एक चैलेंज को नासा ने ऑनलाइन ऑफर किया है। नासा के इस चैलेंज को जो कोई भी पूरा करेगा उसे 26 लाख रूपये दिए जाएंगे। नासा ने इसे लूनर लू चैलेंज नाम दिया है। इस बारे में नासा ने ट्वीट कर पूरी जानकारी दी है।
Lunar Loo challenge.@NASA calls on inventors to develop a new toilet that will work in space and in lunar gravity for a future Moon-lander spacecrafthttps://t.co/xrrhk4b2rK pic.twitter.com/wrGHyTQret — AFP news agency (@AFP) June 26, 2020
Lunar Loo challenge.@NASA calls on inventors to develop a new toilet that will work in space and in lunar gravity for a future Moon-lander spacecrafthttps://t.co/xrrhk4b2rK pic.twitter.com/wrGHyTQret
ये है चैलेंज अमेरिकी स्पेस एंजेंसी नासा ने ये चैलेंज है, जो इसे पूरा करेगा उसे 26।08 लाख रुपए इनाम के तौर पर दिए जाएंगे। इसमें चैलेंज ये है कि अंतरिक्ष में भेजे जाने विमानों में टॉयलेट डिजाइन करना है। स्पेस और चांद पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को कई दिनों तक विमान में बिताने पड़ते हैं, ऐसे में उसमें कुछ बदलाव नासा करना चाहता है। इसके लिए तीन बेस्ट डिजाइन को चुना जायेगा और उनमें इनाम की राशि बांटी जाएगी।
क्यों पड़ी जरूरत दरअसल, नासा को स्पेस में जाने वाले यात्रियों के लिए बाथरूम संबंधी समस्याओं के हल करने हैं और उनकी को खोजते हुए नासा को ये आईडिया आया। इसकी जरूरत तब महसूस हुई जब 1975 में अपोलो मिशन खत्म हुआ था।
इस यात्रा के दौरान टीम के इंजीनियरों ने मलमूत्र विसर्जन को स्पेस यात्रा के लिए बड़ी चुनौती बताया था। नासा बेस कैंप लगाना चाहता है जो काफी समय तक स्पेस में रहने लायक होना चाहिए इसलिए टॉयलेट खोजने का ये तरीका अपनाया गया है।
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ऐसे मिलेंगे इनाम बताया जा रहा है कि टॉयलेट का डिजाइन तैयार करने वालों को बेस्ट क्रिएटर को 15 लाख रुपए, दूसरे को 7।60 लाख और तीसरे 3।80 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जायेगा।
दरअसल, इसकी जरूरत इसलिए भी है क्योंकि नासा 2024 में अपने अर्टेमिस मून मिशन के लिए पहली बार किसी महिला को चांद पर भेजना चाहता है इसलिए एक यूनीसेक्स टॉयलेट की जरूरत को पूरा करने के लिए ये तरीका अपनाया गया है।
अंतिम तारीख इस चैलेंज की अंतिम तारीख 17 अगस्त है और इसका परिणाम अक्टूबर में जारी किया जाएगा। वहीँ बताया गया है कि टॉयलेट ऐसा होना चाहिए। शर्त अनुसार, टॉयलेट माइक्रोग्रैविटी (अंतरिक्षीय गुरुत्वाकर्षण) और लूनर ग्रैविटी (चांद की गुरुत्व शक्ति) में काम कर सके। ये नासा के आगे आने वाले कई बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा हो सकता है इसलिए ये चैलेंज नासा के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
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