Tuesday, May 30, 2023
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navjot singh sidhu also open front against modi bjp govt regarding agricultural bills rkdsnt

नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कृषि विधेयकों को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

  • Updated on 9/22/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पंजाब के विधायक एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने संसद में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को मंगलवार को ‘‘काला कानून’’ करार दिया जो कृषक समुदाय को ‘‘बर्बाद’’ कर देगा। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने घोषणा की कि वह प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों, किसान संगठनों और प्रत्येक पंजाबी को इस किसान विधेयकों के क्रियान्वयन का मजबूती से विरोध करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। 

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सिद्धू ने कुछ दिन पहले ट््िवटर का इस्तेमाल करते हुए किसानों के समर्थन में आवाज उठायी थी और कहा था, ‘‘पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी किसानों के साथ है।’’ संसद के दोनों सदनों ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों जैसे विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है। 

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आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंगलवार को राज्यसभा में पारित कर दिया गया। सिद्धू ने अपने यूट्यूब चैनल ‘जीतेगा पंजाब’ पर मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि वह इन विधेयकों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये काले कानून लाकर, सरकार किसानों को दरकिनार कर रही है।’’ सिद्धू ने यह भी सुझाव दिया कि कृषक समुदाय के हितों की रक्षा के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया जाए। 

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उन्होंने छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह एक इस्तेमाल करो और फेंको नीति है।’’ पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार ने ‘‘चार से पांच लाख करोड़ रुपये कर माफ करके और करों में सब्सिडी और छूट देकर उद्योगपतियों की लीक से हटकर मदद की है। हालांकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बारी आती है तो इतना हो हल्ला होता है।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी ने किसानों को बर्बाद कर दिया। ये काले कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। करीब 28,000 आढ़तिये और चार से पांच लाख मंडी श्रमिक भी प्रभावित होंगे।’’ उन्होंने कहा कि ये कृषि संबंधी विधेयक मंडी से राज्य के राजस्व को भी प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब को मंडियों से चार हजार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होता है।

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