Friday, Sep 22, 2023
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एनडीएमसी यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर किया संसद मार्च

  • Updated on 2/11/2022

नई दिल्ली। टीम डिजिटल। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) की कई यूनियनों ने मिलकर 7 अप्रैल 2016 को संसद से जो गजट नोटिफिकेशन पास किया गया था उसे रद्द किए जाने की मांग को लेकर संसद मार्च किया। उनका कहना है कि इस नोटिफिकेशन के चलते आज तक 7वां डीटीएल वेतनमान लागू नहीं हो पाया है। इस दौरान यूनियनों ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, एनडीएमसी अध्यक्ष व सचिव सहित निदेशक कल्याण को ज्ञापन भी सौंपा।
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यूनियनों ने गजट नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की
नई दिल्ली नगर पालिका कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ भारती ने कहा कि किसी भ्ी नगर निकाय का अस्तित्व ग्रुप डी के बिना संभव नहीं है लेकिन इस नोटिफिकेशन के कारण जिस काउंसिल का गठन संसद द्वारा किया गया हो। उन अधिकारों को सीमित करने का प्रयास किया गया है। 1994 में संसद द्वारा आवश्यक संशोधन किया गया जिसे 1994 एक्ट कहा जाता है। जिसमें कर्मचारियों के वेतन, स्थाई करण जैसे सभी निर्णय काउंसिल को दिए गए हैं इसके बावजूद साल 2016 का गजट नोटिफिकेशन क्यों किया गया। किसी भी विषय पर जब प्रशासन से बात की जाती है तो वो कहते हैं कि जब तक गृहमंत्रालय से फाइल वापस नहीं आ जाती तब तक हम कुछ नहीं कर सकते। हमारी मांग है कि इस नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए जथा संभी लंबित मांगों को संगठन के साथ मीटिंग कर समाधान किया जाए। इसके अलावा दैनिक भोगी कर्मचारियों को काउंसिल में 4 अगस्त 2020 के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान करके फाइल वापस भेजा जाए। सभी मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी दी जाए। अनुबंध के कर्मचारियों को 2014 काउंसिल रेज्युलेशन के तहत सभी सुविधाएं दी जाएं। लेफ्ट आउट केटेगरी को भी रीता कुमार समिति की सिफारिशों के अनुसार डीटीएल वेतनमान दिया जाए। इसके अलावा यूनियनों की मांग है कि संगठन द्वारा दिए गए मांग पत्र पर मीटिंग के माध्यम से लंबित समस्याओं का समाधन किया जाए।

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