नई दिल्ली/टीम डिजीटल। कोरोना मरीजों को संक्रमण से निजात दिलाने के लिए संयुक्त जिला अस्पताल में कोविड वार्ड तैयार किए गए हैं। लेकिन यहां संक्रमण से बचाने के बजाय अन्य रोग ग्रस्त मरीजों को भी कोविड वार्ड में संक्रमितों के साथ भर्ती किया जा रहा है। इसका खुलासा मंगलवार को मॉक ड्रिल के दौरान हुआ। जहां एक टीबी मरीज को कोविड मरीजों संग भर्ती कर उपचार दिया जा रहा था। टीबी मरीज की जानकारी लगने पर उसे अन्य वार्ड में शिफ्ट कराया गया। वहीं, मोदीनगर सीएचसी के ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खामी आने पर वह ठीक प्रकार से काम नहीं करता पाया गया। एक बार फिर से कोरोना संक्रमण लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। ऐसे में मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों में की गई तैयारियों को लेकर 2 दिन मॉक ड्रिल चलाया जा रहा है। पहले दिन मंगलवार को संयुक्त जिला अस्पताल, चारों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व संतोष अस्पताल में मॉक ड्रिल किया गया। शासन स्तर से नामित नोडल अधिकारी एवं स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एनके गुप्ता की उपस्थिति में मॉक ड्रिल हुआ। सबसे पहले उन्होंने 500 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। यहां प्योरिटी व प्रेशर को चेक कर अस्पताल सीएमएस डॉ. विनोद चंद पांडेय से अन्य जानकारी ली।
इसके बाद वह अस्पताल में तैयार कोविड वार्ड पहुंचे। यहां एक डमी बच्चे संग मॉक ड्रिल किया गया। सबसे पहले एंबुलेंस से पहुुंचने पर मरीज (डमी) को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना की मौजूदगी में प्राथमिक जांच कर आईसीयू में ले जाया गया। यहां ऑक्सीजन देने के साथ ही अन्य उपचार शुरू किया गया। स्वास्थ्य निदेशक ने कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों की भी स्थिति जानी। इस दौरान पुरूष कोविड वार्ड में भर्ती 5 मरीज को उपचार दिया जा रहा था, जिसमें एक टीबी मरीज भी भर्ती मिला। जिसे कोविड मरीजों संग भर्ती कर उपचार दिया जा रहा था। स्वास्थ्य अधिकारियों को टीबी मरीज की जानकारी लगने पर उसे तुरंत अन्य वार्ड में शिफ्ट कराया गया।
इसके अलावा स्वास्थ्य निदेशक ने 150 एलपीएम के ऑक्सीजन प्लांट को भी देखा, जहां कम प्रेशर मिला। स्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि अस्पताल द्वारा की गई तैयारियां संबंधी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। हालांकि जो कमियां मिली हैं, उन्हें भी दूर करने को कहा गया है। अब बुधवार को संचारी रोग नियंत्रण संबंधी कार्यों को देखा जाएगा। मॉक ड्रिल के दौरान सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर, डीएसओ डॉ. आरके गुप्ता आदि अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, मोदीनगर सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट जल्द ठीक कराने के निर्देश दिए। डीएसओ ने कहा कि मेनटेनेंस के लिए कंपनी को पत्र लिखा गया है। जबकि अन्य अस्पतालों में मॉक ड्रिल संतोषजनक रही।
2 माह बाद टीबी बैक्टीरिया हो जाते हैं कम वहीं, टीबी मरीज को कोविड मरीजों संग भर्ती करने के मामले में अस्पताल के कोविड वार्ड प्रभारी डॉ. सूर्यांशू ओझा का कहना है कि मरीज टीबी के अलावा कोविड पॉजिटिव भी है। वह बीते 6 माह से टीबी रोग से ग्रस्त है और उसका उपचार भी चल रहा है। ऐसे में 6 माह बाद टीबी रोगी में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया बहुत कम हो जाते हंै। जो किसी ओर को प्रभावित नहीं कर सकता है। जिस कारण मरीज को कोविड मरीजों संग भर्ती किया गया था। हालंाकि सीएमओ के कहने पर उसे अन्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
पानी जमा होने पर जताई नाराजगी मॉक ड्रिल के दौरान अस्पताल परिसर में पानी जमा और खुले मैनहॉल देखकर स्वास्थ्य निदेशक ने नाराजगी जताई और सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। पानी व मैनहॉल में मच्छर पनप रहे थे। यह स्थिति तब है जब जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन, अस्पताल में सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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