नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने ही पार्टी के लोगों का विरोध झेल रहे हैं। पिछले दिनों ओली ने काठमांडू में भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ( R&AW) के प्रमुख समंत कुमार गोयल से मिले थे। जिसके बाद उनकी पार्टी के लिए लोग उनसे नाराज हो गए हैं।
दरअसल, ओली का ख़ुफ़िया एजेंसी से मिलना गुपचुप हुआ जिसकी जानकारी कम लोगों थी। यहां तक कि इस बारे में ओली ने अपनी पार्टी के लोगों को भी नहीं बताया। इसी वजह से ओली की पार्टी के लोग और तीन पूर्व प्रधानमंत्री हमलावर हो रहे हैं।
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इतना ही नहीं, सभी ने अपनी नाराजगी जताते हुए ओली से जवाब मांगे हैं। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने तो ओली की इस हरकत को अनुचित और आपत्तिजनक बता दिया है।
ओली के इस कदम के बाद पूर्व पीएम झालानाथ खनल, माधव कुमार नेपाल और पूर्व डिप्टी पीएम भीम बहादुर रावल और नारायण काजी श्रेष्ठ ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और इसके लिए अलग से बैठक भी की। इसके अलावा, पार्टी के कुछ नेताओं ने ओली की निंदा की और उनसे मांग की है कि वे एजेंसी के साथ चली दो घंटे की बैठक की पूरी जानकारी दें।
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ये भी बताया जा रहा है कि ओली की इस गुपचुप बैठक से प्रचंड काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी और मंत्रियों को पीएम ओली ने अंधेरे में रखा है और इसे तरह की बैठक में हिस्सा लेने पर उन्हें जवाब देना होगा। वहीँ, पूर्व पीएम खनल और माधव नेपाल ने ओली की इस गुप्त मीटिंग को देशहित के खिलाफ बताया है।
उधर, पीएम ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने कहा है कि खुफिया एजेंसी प्रमुख ने ओली के साथ सिर्फ शिष्टाचार के अनुरूप ही मुलाकात की थी। उन्होंने ये भी बताया कि गोयल ने सिर्फ नेपाल-भारत के बीच रिश्ते बेहतर बनाने के लिए, पुराने विवादों को बातचीत से सुलझाने और आपसी सहयोग को बढ़ाने पर जोर देने के लिए मीटिंग की थी।
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