Friday, Sep 22, 2023
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never accepted china illegal occupation nor unjustified chinese claims: india mea rkdsnt

ना तो चीन के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार किया है, ना ही अनुचित चीनी दावों को: विदेश मंत्रालय

  • Updated on 11/11/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी जमीन पर चीन के अवैध कब्जे को ना तो कभी स्वीकार किया है, ना ही किसी अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन की एक रिपोर्ट में अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे एक विवादित क्षेत्र में चीन द्वारा एक बड़ा गांव निर्मित करने की बात कहे जाने पर भारत ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में यह कहा है।  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखता है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता है।  बागची ने प्रेस वार्ता में पेंटागन की रिपोर्ट पर एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।    

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  उन्होंने कहा कि भारत ने भी चीन से लगे सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और पुलों के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाई है। बागची ने कहा, ‘‘हमने अमेरिकी संसद को सौंपी गई अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जो भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में, खासतौर पर पूर्वी सेक्टर में चीनी पक्ष द्वारा निर्माण गतिविधियों का भी संदर्भ देती है।’’  उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में भी इस मुद्दे पर मीडिया में रिपोर्ट देखने को मिली थी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हमने उस समय कहा था कि चीन ने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किये गये इलाकों सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले कई वर्षों में निर्माण गतिविधियां की हैं।’’ बागची ने कहा, ‘‘भारत ने अपनी जमीन पर इस तरह के अवैध कब्जे को ना तो कभी स्वीकार किया है और ना ही उसने चीन के अनुचित दावों को स्वीकार किया है।’’   

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  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ राजनयिक माध्यमों से सदा ही अपने कड़े विरोध से चीन को अवगत कराया है तथा भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखा जाएगा।’’  उन्होंने कहा कि भारत ने सड़कों, पुलों आदि के निर्माण सहित सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, जिसने स्थानीय आबादी को सीमा पर अत्यावश्यक संपर्क उपलब्ध कराया है।    

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  बागची ने कहा, ‘‘सरकार अरूणाचल प्रदेश में सहित अपने नागरिकों की आजीविका को बेहतर करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लक्ष्य के लिये प्रतिबद्ध है।’उन्होंने कहा, ‘‘सरकार भारत की सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखती है और अपनी संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती है।’’   

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 उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) के पूर्वी सेक्टर में भारत के अरूणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र में आम लोगों के लिए 100 घरों वाला एक बड़ा गांव निर्मित किया है। सुरक्षा प्रतिष्ठान सूत्रों ने मंगलवार को कहा था कि ऊपरी सुबनसिरी जिले में विवादित सीमा से लगा यह गांव एक ऐसा इलाका है जिस पर 1959 में असम राइफल्स की एक चौकी पर कब्जा करने के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था।       पिछले साल पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत ने अरूणाचल प्रदेश में एलएसी पर अपनी संपूर्ण सैन्य तैयारियां बढ़ा दी हैं।

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