नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने के बाद रविवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ऐसे ‘‘आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री'' ने यह उद्घाटन किया है, जिन्हें संसदीय परंपराओं से नफरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को उनके संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा है।
संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं। — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2023
संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया। मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्' अनुष्ठान किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश ने ट्वीट किया, "28 मई को आज के दिन: नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था।"
At the foundation stone laying ceremony of the new Parliament building, then Hon’ble President Sh. Ramnath Kovind was kept away from the ceremony. At its inauguration, President Droupadi Murmu has been sidelined. It is the upper caste, anti-backward mindset of the RSS because… — K C Venugopal (@kcvenugopalmp) May 28, 2023
At the foundation stone laying ceremony of the new Parliament building, then Hon’ble President Sh. Ramnath Kovind was kept away from the ceremony. At its inauguration, President Droupadi Murmu has been sidelined. It is the upper caste, anti-backward mindset of the RSS because…
रमेश ने कहा, "सावरकर, जिनकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उनका जन्म (आज ही के दिन) 1883 में हुआ था।'' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, जो इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी हैं, उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है।
28 मई को आज के दिन:1. नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था। 2. सावरकर, जिसकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उसका जन्म 1883 में हुआ था।3. राष्ट्रपति,…— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 28, 2023
28 मई को आज के दिन:1. नेहरू, जिन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था। 2. सावरकर, जिसकी विचारधारा ने ऐसा माहौल बनाया जो महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना, उसका जन्म 1883 में हुआ था।3. राष्ट्रपति,…
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (राष्ट्रपति को) 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई।" रमेश ने आरोप लगाया, "एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री, जिन्हें संसदीय प्रक्रियाओं से नफ़रत है, जो संसद में कम ही उपस्थित रहते हैं या कार्यवाहियों में कम ही भाग लेते हैं, वे 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत करीब 20 विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। उनका कहना है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं, बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए।
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