नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने सोहना के मंडावर गांव में 260 एकड़ वन भूमि पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का शिविर बनाने के लिए गैर वन गतिविधि चलाने पर हरियाणा (Haryana) सरकार को फटकार लगाई और कहा कि इस प्रक्रिया में कानून की धज्जियां उड़ाई गई और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
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23 जनवरी 2020 को वन भूमि को गैर वन गतिविधि में बदलने का प्रस्ताव एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने हरियाणा के मुख्य सचिव को मामले को देखने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अधिकरण का निर्देश मुख्य वन संरक्षक (एफसीए) पंचकूला की रिपोर्ट के बाद आया जिसमें बताया गया कि सरकार ने 23 जनवरी 2020 को वन भूमि को गैर वन गतिविधि में बदलने का प्रस्ताव किया था।
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पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद वन को होने वाले नुकसान के एवज में 27,10,47752 रुपये क्षतिपूर्ति, 2,11,72690 रुपये कुल मौजूदा मूल्य, और 2,11,72690 रुपये उल्लंघन के जुर्माने के मद पर जमा किया गया। एनजीटी ने हालांकि, कहा, चूंकी उपरोक्त कार्रवाई अब की जा चुकी है लेकिन तथ्य है कि कानून की धज्जिया उड़ाई गई और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
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अधिकरण याचिका पर कर रहा है सुनवाई इसलिए हरियाणा के मुख्य सचिव कार्रवाई सुनिश्चित करें और कार्रवाई रिपोर्ट अगली तारीख तक ई-मेल के जरिये दें।उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने कथित तौर पर सीआईएसएफ द्वारा बिना अनुमति वन की भूमि को गैर वन गतिविधि के इस्तेमाल के लिए पेड़ काटने पर रोक लगा दी थी। अधिकरण मानेसर निवासी राम अवतार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
मंडावर गांव में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा चुका है एनजीटी इससे पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने याचिका पर सुनवाई करते हुए, सोहना के मंडावर गांव में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि 260 एकड़ वन भूमि पर बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई की जा रही है।
मामले में तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का दिया था निर्देश एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने हरियाणा के प्रधान वन संरक्षक को इस मामले में तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, इस मामले पर आगे सुनवाई करने से पहले, हमें हरियाणा के प्रधान वन संरक्षक से एक महीने के भीतर ईमेल द्वारा एक तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट मांगने की जरूरत महसूस हुई।
कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बिना कोई पेड़ नहीं काटने का दिया था निर्देश पीठ ने कहा, इस बीच में, कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बिना कोई पेड़ नहीं काटा जाना चाहिये। एनजीटी, मानेसर निवासी राम अवतार यादव द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा गुरुग्राम के सोहना मंडावर गांव में बिना किसी अनुमति के 260 एकड़ वन भूमि पर पेड़ों की कटाई की जा रही है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह इलाका वन्यजीव गलियारा है और पेड़ों को काटना न केवल गैर कानूनी होगा बल्कि इससे हवा की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ेगा।
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