Thursday, Mar 30, 2023
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nirmala sitharaman inaugurated savarkar-a contested legacy vol 2

सावरकर-ए कंटेस्टेड लिगेसी का निर्मला सीतारमण ने किया लोकार्पण

  • Updated on 9/2/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। लेखक विक्रम की यह एक बहुत ही ठोस और अच्छी तरह से शोध की गई किताब है। जिस विवेक के साथ लेखक ने कठोर शोध कर इस पुस्तक को लिखा है वह काबिलेतारीफ है।

सावरकर भारतीय राजनीति में एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और इसलिए उन पर होने वाली सूचित बातचीत पर जोर दिया जाना चाहिए। यह बात बुधवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रभा खेतान फाउंडेशन के द्वारा विक्रम संपत की पुस्तक सावरकर ए कांन्टेस्टेड लिगेसी (1924-1966) के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही।

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अभिलेखागारों और पुस्तकालयों से 5 वर्षों का गहन शोध है यह किताब 
उन्होंने कहा कि यह दो श्रृंखलाओं वाली पुस्तक का दूसरा भाग है। पहली पुस्तक सावरकर इकोज फ्रॉम ए फॉरगॉटन पास्ट में वीर सावरकर के बचपन के प्रभावों, राजनीतिक सक्रियता, कालापानी कारावास और 1924 में उनकी अंतिम रिहाई के बारे में बताया गया। लेखक विक्रम संपत ने इस मौके पर कहा यह पुस्तक भारत और विदेशी अभिलेखागारों और पुस्तकालयों से लगभग 5 वर्षों की गहन शोध है जो एक बदनाम और गलत समझे जाने वाले व्यक्ति की समग्र तस्वीर की गहन पड़ताल करती है।

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पुस्तक पढ़कर सावरकर के बारे में दिमाग में छवि बना सकेंगे पाठक 
मुझे आशा है कि विवेकशील पाठक इन संस्करणों को पढेंग़े और अपने दिमाग में सावरकर, उनकी विरासत और आज के भारत में उनके महत्व के बारे में अपनी राय बनाएंगे।

कार्यक्रम में प्रभा फाउंडेशन से नीलिमा डालमिया ने कहा कि यह किताब कोविड के इन चुनौतीपूर्ण समय में लोकार्पित हो रही है मैं विक्रम संपत की इस नई पुस्तक की सफलता की कामना करती हूं। इस मौके पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें विक्रम, निर्मला सीतारमण, भारतीय अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने भाग लिया। इस परिचर्चा का शुभ्रस्था ने संचालन किया। 

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