Thursday, Mar 23, 2023
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nitish kumar reply to pawan verma over bjp jdu alliance delhi elections 2020

दिल्ली चुनाव: गठबंधन से नाराज नेता को नीतीश की खरी- खरी, चाहें तो छोड़ दें पार्टी

  • Updated on 1/23/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Elections 2020) में बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के गठबंधन पर सवाल उठाने वाले जदयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा (Pawan Kumar Verma) को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने करारा जवाब देते हुए कहा है कि यदि वो पार्टी छोड़ने के इच्छुक हैं तो छोड़ सकते हैं। जिस किसी पार्टी को वर्मा पसंद करते हैं उस पार्टी में वो चले जाएं। 

नीतीश ने कड़े शब्दों में कहा है कि जिस किसी को भी पार्टी के फैसलों पर सवाल करना है वो पार्टी की बैठकों के दौरान करें। इस प्रकार सार्वजनिक बयान जारी करना चौंकाने वाला है। पवन वर्मा जिस किसी भी पार्टी को पसंद करते हैं उसमें जा सकते हैं। मेरी ओर से उनको शुभकामनाएं। 

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दोहरेपन के चलते पार्टी नेता छोड़ रहे साथ
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर बीजेपी-जेडीयू में चल रहे विवाद के बाद दिल्ली में इनके गठबंधन को लेकर वर्मा ने सवाल उठाते हुए नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। पवन वर्मा ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि साल 2017 में नीतीश कुमार ने कहा था कि बीजेपी- मोदी लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म कर रहे हैं। फिर अब क्यों नीतीश कुमार ने दिल्ली चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया है? वर्मा का कहना है कि इस दोहरेपन के चलते पार्टी के कई विधायक उनका साथ छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के इस व्यवहार के चलते पार्टी के लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है।

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जदयू ने बीजेपी से गठबंधन कैसे किया?
पवन वर्मा ने अपने पत्र में नीतीश से पूछा था कि दिल्ली चुनाव के लिए जदयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन कैसे किया? बीजेपी और विभाजनकारी सीएए- एनपीआर- एनआरसी विरोध पर अपने विचार स्पष्ट करें। वर्मा का कहना है कि ये पहली बार है जब पार्टी ने बिहार के बाहर बीजेपी के साथ इस प्रकार से गठबंधन किया है। मैं नीतीश कुमार के इस फैसले से आहत हूं और इस पर आपकी सफाई मांगता हूं। 

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लोकसभा में जेडीयू ने किया था सीएए का समर्थन
बता दें कि वैचारिक रूप से विरोध के बाद बी लोकसभा में जेडीयू ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था। हालांकि, इसके बाद पार्टी लोक इस कानून का लगातार विरोध करते रहे। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विवाद के चलते इस बार बीजेपी ने अकाली दल के एक भी नेता को उम्मीदवार नहीं बनाया है। बीजेपी ने दिल्ली में 2 विधानसभा सीटें जेडीयू को दी हैं, वहीं एक सीट लोजपा को दी है। दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं। वहीं 11 फरवरी को इस चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे।  

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