Saturday, Mar 25, 2023
-->
no-action-is-being-taken-on-hate-speeches-despite-our-orders-supreme-court

सुप्रीम कोर्ट ने चेताया - हमारे आदेश के बावजूद नफरती भाषणों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही

  • Updated on 2/2/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके आदेशों के बावजूद नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इसने कहा कि अगर शीर्ष अदालत को ऐसे बयानों पर रोक लगाने के वास्ते आगे निर्देश देने के लिए कहा गया तो उसे ‘‘बार-बार शर्मिंदा'' होना पड़ेगा। 

कानून मंत्री रीजीजू ने कोर्ट में नियुक्त न्यायाधीशों की श्रेणियों का किया खुलासा 

  •  

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कड़ी टिप्पणियां तब कीं, जब मुंबई में हिंदू जन आक्रोश मोर्चा द्वारा पांच फरवरी को आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई का उल्लेख किया गया। 

अडानी प्नकरण पर चुप भाजपा चुनावी तैयारियों में जुटी, नगालैंड में उम्मीदवारों की सूची जारी

पीठ शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई, जो प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की ओर से प्रशासनिक पक्ष पर निर्देश और अनुमोदन के अधीन होगी। इसने कहा, ‘‘आप हमें एक आदेश लेकर बार-बार शर्मिंदा होने के लिए कहते हैं। हमने बहुत सारे आदेश पारित किए हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उच्चतम न्यायालय को घटना दर घटना के आधार पर आदेश पारित करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।'' 

मोदी सरकार ने बजट 2023 में IIM का घटाया अनुदान

यह टिप्पणी एक वकील द्वारा यह कहे जाने के बाद आई कि मुंबई रैली के खिलाफ तत्काल सुनवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इसी तरह की एक रैली का आयोजन किया गया था जिसमें 10,000 लोगों ने भाग लिया और इसमें कथित रूप से आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर मुस्लिम समुदाय का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया। वकील के बार-बार आग्रह करने पर अदालत ने उन्हें आवेदन की एक प्रति महाराष्ट्र सरकार के वकील को देने को कहा। 

अडाणी प्रकरण को लेकर CM गहलोत का तंज- कर्मचारियों को शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता

पीठ ने कहा, "राज्य को एक प्रति दें, हम इसे प्रधान न्यायाधीश के आदेश के अधीन कल सूचीबद्ध करेंगे। केवल यह मामला, न कि सभी।" शीर्ष अदालत ने पिछले साल 21 अक्टूबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कड़ी कार्रवाई करने, दोषियों के खिलाफ शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना तुरंत आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसने यह भी चेतावनी दी थी कि इस "अत्यंत गंभीर मुद्दे" पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से कोई भी देरी अदालत की अवमानना ​​को आमंत्रित करेगी। 

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का असर : अडानी ग्रुप ने FPO किया कैंसिल, निवेशकों का लौटाएगा पैसा


 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.