नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने बुधवार को कहा कि देश में सेवानिवृत्त हो चुके या होने वाले लोगों की कोई कीमत नहीं है। राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त में सौगात देने या रेवड़ी बांटने का वादा किए जाने के संबंध में दायर एक याचिका पर न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार के साथ सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने उक्त टिप्पणी की।
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याचिका दायर करने वाले अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सलाह दी थी कि इस संबंध में विचार करने के लिए प्रस्तावित समिति का अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व (सेवानिवृत्त) न्यायाधीश को बनाया जाना चाहिए।
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इस सलाह को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति जो सेवानिवृत्त हो चुका है या सेवानिवृत्त होने वाला है, उसकी इस देश में कोई कीमत नहीं है। यह समस्या है।’’ इस पर सिंह ने कहा कि अंतत: किसी का व्यक्तित्व और वह किस पद पर रहा है, यही मायने रखता है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति रमण 26 अगस्त को देश के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
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